संयुक्त आदिवासी सामाजिक संगठन चांडील अनुमंडल ने हुल दिवस पर शहीदों को किया नमन…
बाइक रोड शो निकाल कर समान नागरिक संहिता कानून किया भारी विरोध प्रदर्शन…
चाण्डिल कल्याण पात्रा: संयुक्त आदिवासी सामाजिक संगठन चांडील अनुमंडल ने शुक्रवार को शहीद बिरसा मुंडा सेतु कामारगौड़ा से शहीद गंगानारायण सिंह चौक पुंडीशीली, शहीद सिदो .कान्हु चौक चांडील गोलचक्कर, शहीद फूलो . झानो चौक, शहीद सिदो .कान्हु चौक गौरांगकोचा तक निकाला विशाल बाइक रोड शो। तमाम शहीदों को बारी .बारी से पुष्प अर्पित कर दिया श्रद्धांजलि।
विशाल रोड शो निकाल कर समान नागरिक संहिता कानून का किया पुरजोर विरोध प्रदर्शन।
रोड शो समाप्ति के बाद गौरांगकोचा में आयोजित हुल जनसभा में हुए शामिल। मीडिया से मुखातिब होते हुए संयुक्त आदिवासी सामाजिक संगठन चांडील अनुमंडल के प्रवक्ता सुधीर किस्कू ने कहा की समान नागरिकता संहिता कानून आदिवासी समाज के लिए गले का फंदा है। यह कानून लागू होने से आदिवासी समाज की पहचान और अस्तित्व ही मिट जाएगी। आदिवासी समाज के मूल पहचान हो जाएगी खत्म। आदिवासी समाज की कास्टोमरी लॉ खत्म हो जाएगी। किस्कू ने आगे कहा कि आदिवासी समाज अपनी अस्तित्व को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएगी।
संयुक्त आदिवासी सामाजिक संगठन चांडील अनुमंडल समान नागरिक संहिता कानून का विरोध आगे गांव गांव तक ले जाएगी और भारी विरोध करेगी। संयुक्त आदिवासी सामाजिक संगठन के श्री मानिक सिंह सरदार ने अपने बयान में कहा कि। आदिवासी समाज अपने हक अधिकार, पहचान, इतिहास को बचाने के लिए हर प्रतिबद्ध है।
किसी भी कीमत पर हम अपनी इतिहासए अधिकारए पहचान को मिटने नही देंगे।
उन्होंने आगे कहा कि की समान नागरिक संहिता कानून आदिवासी समाज के लिए एक काला कानून है। इसे आदिवासी समाज हर हाल में विफल करेगी। इस कानून से आदिवासी समाज के लिए बने विशेष कानून सीएनटीध्एसपीटी एक्ट, पेसा एक्ट, पांचवी अनुसूची और छठी अनुसूची खत्म हो जाएगी। आदिवासी समाज की आरक्षण खत्म हो जाएगी। किसी भी हाल में इस कानून को लागू नही होने देंगे।
इस तरह से आयोजित हुल जनसभा में बारी. बारी सभी वक्ताओं समान नागरिक संहिता कानून का कड़ा विरोध किया गया..
मौके पर श्यामल मार्डी, पारगाना रामेश्वर बेसरा , श्याम सिंह सरदार, सुखराम हेंब्रम, चारुचंद किस्कू, रविंदर सरदार, जगदीश सिंह सरदार, भद्रु सिंह सरदार, लक्षण सिंह, सुरेंदर सिंह ज्योतीलाल बेसरा, धनेश्वर मुर्मू, भादूडीह माझी बाबा बुद्धेश्वर मारडी, डोमन बास, प्रकाश मारडी जगन्नाथ किस्कू, रवींद्रनाथ सिंह, बधुसूदन हेंब्रम और भी संगठन के सक्रिय सदस्य गण एवं आदिवासी अगुवा गण उपस्थित थे।