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सामुहिक सरहुल महोत्सव का हुआ आयोजन , जमकर

थीर के ग्रामीण….

चाण्डिल (विद्युत महतो) ईचागढ़ बसंत ऋतु के आगमन के साथ प्रकृति मानों दुल्हन की तरह सज जाती है । नये-नये पत्तीयों व फुलों से डाली भर आई है, भौंरे गुनगुना रहे हैं, चिङियों का चहचहाहट चारों ओर गुंजायमान है । हर किसी के मन मे खुशी की लहर साफ दिखाई देने लगा है ,ऐसे समय मे आदिवासी समाज द्वारा प्राकृतिक पुजा का आयोजन किया जाता है ।

इसी कड़ी में ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के कुटाम गांव में सामुहिक सरहुल महोत्सव का आयोजन किया गया । सरहुल महोत्सव का मुखिया पंचानन पातर, नयन सिंह मुण्डा, दुबराज माझी आदि ने फीता काटकर उद्घाटन किया । आदिवासी सारना समिति कुटाम द्वारा सामुहिक रूप से सरहुल का पुजा सखुआ डाली गाड़कर व कानों मे सखुआ फुल लेकर किया गया ।

पुजा के बाद प्रसाद वितरण किया गया । सरहुल महोत्सव में रांची जिला बिजयगीरी के आदिवासी मुण्डा संस्कृति दल व पारासी रायबेड़ा के जागृति आदिवासी संस्कृति युवा ग्रुप द्वारा पारंपरिक वेशभूषा में सरहुल नृत्य प्रस्तुत किया गया । सरहुल नृत्य दल के नृत्य प्रस्तुति से दर्शक गदगद हुए । भगवान विरसा मुंडा , शिकारी आदि पाला का नृत्य प्रस्तुत किया गया । वहीं मुख्य अतिथि के रूप में मुखिया नयन सिंह मुण्डा, मुखिया रामेश्वर उरांव व मुखिया पंचानन पातर ने भी सरहुल पुजा मे माथा टेककर क्षेत्र की खुशहाली का कामना किया । उपस्थित भीड़ ने नृत्य का जमकर लुत्फ उठाया ।

वहीं मुखिया पंचानन पातर ने कहा कि सरहुल हम आदिवासीयों का महत्वपूर्ण पुजा है । हम सखुआ पत्ता, फुल आदि से पुजा करते है और यह पुर्ण रूप से प्राकृतिक पुजा है । मौके पर ग्राम प्रधान सम्बत सिंह मुण्डा, करम सिंह मुण्डा, भरत सिंह मुण्डा, लाल सिंह मुण्डा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे ।

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