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सरहुल पर्व में मादल के थाप पर नाचे ओम और पप्पू ।

चाण्डिल (सुदेश कुमार)  प्रकृति के महापर्व सरहुल की शुरुआत चैत माह के प्रारंभ से होता है । इस समय जंगलों के साल के वृक्षों में फूल लगना शुरू हो जाता है, प्रकृति प्रेमी आदिवासीयों का नए साल के आगमन का सूचक हैं और इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं.

इस मौके पर चाण्डिल अनुमण्डल क्षेत्र के कांगलाटांड, गंगोडीह, दालग्राम, कटिया एवं चिलगु में आदिवासी समुदाय के लोगों ने विधिवत् तरिके से प्राकृतिक व सांस्कृति का महापर्व सरहुल पर्व को मनाया । इस कार्यक्रम में जिला पर्षद् ओम लायक और झामुमो केन्द्रीय सदस्य पप्पू वर्मा आदिवासी परिधान के साथ शामिल हुये और मादल के थाप पर जमकर नाचे । जिससे सरहुल पर्व के समरसता देखने को मिला । हलांकि सरहुल आज से उपावास के साथ प्रारंभ हुआ और 16 मार्च को फुलखोंसी के साथ पर्व का समापन होगा ।