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आईए, पर्यावरण एवं संपन्नता के लिए मिट्टी के दिए खरीद कर कुम्हार भाईयों के घरों की रोशन करें दिवाली: मनोज कुमार चौधरी…

सरायकेला: संजय मिश्रा । नगर पंचायत सरायकेला के पूर्व उपाध्यक्ष सह कालूराम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने दीपावली के पावन पर्व पर कुम्हारों द्वारा बनाए गए हस्त निर्मित मिट्टी के बर्तन और दीयों की खरीददारी कर आमजनों से दीपावली पर मिट्टी के बर्तन और दीये कुम्हार भाईयों से खरीदने की अपील की। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान समय में पश्चिमी संस्कृति और आधुनिकता की आड़ में हमारी संस्कृति और सभी पर्व त्योहार का स्वरूप बदल चुका है। जबकि विश्व में भारतीय सनातन संस्कृति का सर्वोच्च स्थान है। हमारे जन्म से मृत्यु पर्यंत 16 संस्कारो में सभी समुदायों की सम्मानजनक सहभागिता सन्निहित है।

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उन्होंने बताया कि एक समय भी था जब कुम्हार द्वारा निर्मित मिट्टी के बर्तनों की काफी मांग थी, लेकिन आधुनिकता ने इस परंपरा को लगभग खत्म कर दिया है। चाइनीज लाइटों और आधुनिक बर्तनों ने कारण रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो रहा है। वे अपनी पारंपरिक व्यवसाय से मुंह मोड़ रहे हैं। केवल कुम्हार ही नहीं बल्कि आधुनिकता और बदलते समय के साथ कई पारंपरिक चीजें विलुप्त होती जा रही हैं। मिट्टी के दीये जलाने से दो लाभ हैं, एक तो मिट्टी के दिये जलाने से पर्यावरण को भी लाभ होता है। पारंपरिक दीयों की लौ से अनचाहे कीट-पतंग उसमें फंसकर समाप्त हो जाते हैं, जिससे फसलों को नुकसान भी नहीं पहुंचता।

वही धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दीपावली के दिन मिट्टी के दीयों का उपयोग करना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनके आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि आती है। वोकल फॉर लोकल के तहत जब आप एक गरीब कुम्हार से दीया खरीदते हैं, तो आप केवल दीया नहीं खरीदते, बल्कि एक परिवार के जीवन में रोशनी लाने का काम करते हैं।

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