अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दुमका नगर इकाई द्वारा पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुए अमानवीय कृत्य की निंदा करते हुए आज अभाविप के प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम आज दुमका उपयुक्त आंजनेयुलू दोड्डे से मिलकर ज्ञापन सौंपा..
संदेशखाली में हुए अमानवीय कृत्य की निंदा करते हुए, अभाविप के प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम दुमका उपयुक्त ए0 दोड्डे को ज्ञापन सौंपा…
दुमका ब्यूरो मौसम कुमार गुप्ता
झारखंड के प्रदेश मंत्री सौरभ झा ने कहा की पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुए अमानवीय कृत्य की निंदा करते हुए कहा की बंगाल की पवित्र भूमि राष्ट्रीय एकात्मता की प्रेरणा स्थली रही है। देवी स्वरूपा महिलाओं का पूजन इस एकात्मता की एक प्रमुख पहचान रही है।परंतु दुर्भाग्यवश आज पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वोट बैंक के संकीर्ण राजनीति के कारण बंगाल के महिलाओं की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने वाली ताकतों के साथ दिखाई दे रही है।
अभाविप हृदय को असीम पीड़ा पहुंचाने वाली इस घटना की कठोर भर्त्सना करता है।
ममता बनर्जी की सरकार तुष्टिकरण की घातक राजनीति परंपरा का निर्वाह कर रही है जिसने देश k विभाजन करवाया था।
पश्चिम बंगाल के 24 उत्तर परगना के संदेशखाली क्षेत्र की महिलाओं के साथ सुनियोजित यौन शोषण एवं उनकी सामूहिक अस्मिता का हनन वर्षों से संगठित रूप से किया जा रहा है शोषितों के इस वृहद समूह में अत्यंत पिछड़े एवं अनुसूचित समाज की हैं।जिहादियों के उत्पीड़न से तंग आकर संदेशखाली से कई परिवारों का पलायन शुरू हो गया था।इस वीभत्स शोषण का पर्दाफाश तब हुआ जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस से 10 फरवरी को संदेशखाली का दौरा किया वर्षों से दैहिक एवं मानसिक शोषण से तंग आकर हजारों महिलाओं ने ममता सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया शर्म की बात तो ये है की संदेशखाली की महिलाओं के अस्मिता पर सुसंगठित और सुनियोजित प्रहार ऐसे तथाकथित सेक्युलर एवं तुष्टिकरण के भाव से सनी हुई एक ऐसी मुख्यमंत्री के राजनीतिक संरक्षण में किया जा रहा जो स्वयं एक महिला है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यह मांग देश के महामहिम राष्ट्रपति महोदया से करती है की पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में चल रहे सत्ता – प्रायोजित एवं सत्ता – सम्पोषित हिंसा एवं महिलाओं की सामूहिक अस्मिता के हनन पर अविलंब संवैधानिक अंकुश लगाए और संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता प्रदान करें।
अभाविप के पांडिचेरी में हुए केंद्रीय कार्यसमिति बैठक के माध्यम से अभाविप भारत के जनमानस से आह्वान करती ही की हमें समझना होगा कि सांप्रदायिक तुष्टिकरण की राजनीति और अलगाववाद की राजनीति एक ही सिक्के के दो पहलू हैं इस हेतु जनमानस और विशेष कर युवाओं को ममता बनर्जी सरकार द्वारा संदेशखाली को “आधुनिक नोआखली” बनाने के इस षड्यंत्र का सफलतापूर्वक प्रतिकार के लिए आगे आना होगा।
वही मौके पर विभाग संगठन मंत्री हिमांशु दुबे, प्रदेश कार्यकारणी सदस्य मनोज सोरेन, लखीराम मंडल, नगर sfs खुशबू तिवारी, गायत्री कुमारी, नियम घोष,अमिता घोस, उपेंद्र दास , कॉलेज अध्यक्ष अमन साह, अभिषेक पाल, सुशील मरांडी, मार्टिन हेंब्रम, प्रदीप टुडू, tsvp प्रमुख ऋषभ कुमार आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।।