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यूपी के 11 वर्षीय बालक को सीडब्ल्यूसी ने परिजन को तालाश कर सौपा, 19 दिसम्बर को दुमका बस स्टैण्ड से बालक को रोते हुये सीडब्ल्यूसी ने बरामद किया गया था…

दुमका ब्यूरो (मौसम कुमार)  दुमका के बस पड़ाव में 19 दिसम्बर को मिले 11 वर्षीय बालक के परिवार को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने खोज निकाला है। इस बालक को दुमका के दो अच्छे नागरिकों ने बस स्टैण्ड में अकेला पाकर उससे उसके पिता व घर के बारे बारे में पूछा तो वह कुछ नहीं बता पाया बल्कि रोता रहा। दोनों ने ठंढ में ठिठूर रहे इस बालक को जर्सी, स्वेटर और चप्पल खरीद कर दिया और फिर उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया।

बालक ने अपने बयान में बताया था कि फेरी कर सामान बेचनेवाला उसका पिता उसे बस स्टैण्ड के एक चाय दुकान में छोड़कर चला गया। बालक ने अपना घर यूपी के शाहजहांपुर बताया था पर वह कोई मोबाइल नंबर नहीं बता पाया। बाल कल्याण समिति ने उसे बालगृह में आवासित करने के बाद शाहजहांपुरा के जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को बालक का एसआईआर समर्पित करने का आदेश दिया। शाहजहांपुर के डीसीपीओ ने एसआईआर समर्पित करते हुए बालक के गृह का सत्यापन किया।

बालक के पिता ने कि उसे 11 व 7 वर्ष का दो संतान है। उसने अपने 11 वर्षीय बालक का दुमका मदरसा में नामांकन करवाया है। वह जिद्दी है और जिद में अजीब हरकतें करता है। अगस्त 2023 में वह अपनी पत्नी व दोनों बेटों के साथ पश्चिम बंगाल जिले के मुर्शिदाबाद जिला के लालबाग आया था। 3-4 माह वह रहने के बाद वह कटोरिया में फेरी का काम करने लगा। उसी समय कटोरिया से इस बालक को दुमका लाकर लखीकुण्डी के आवासीय मदरसा में कक्षा 3 में नाम लिखवाने के बाद वह वापस शाहजहांपुर लौट गया था।

17-18 दिसम्बर को मदरसा के कर्मचारी ने उसे फोन पर बताया था कि उनका बेटा मदरसा से भाग गया है। खाफी खोजबीन के बावजूद वह नहीं मिला। इसी बीच बालक के दादा की मृत्यु हो गयी जिस कारण वह दुमका नहीं आ पाया। 21-22 दिसम्बर को वह दुमका आया और बेटे की खोजबीन की पर थाना में सूचना नहीं दिया, फिर वापस लौट गया। 28 दिसम्बर को दुमका के बालगृह से उसे फोन कर सूचना दी गयी कि उसका बेटा यहां आवासित है जिसपर वह अपने बेटे को लेने दुमका आया है।

चेयरपर्सन डा अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय, कुमारी बिजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने इस मामले की सुनवायी करते हुए बालक को उसके पिता को सौंप दिया। साथ ही सात दिनों के अंदर बालक को शाहजहांपुर के बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

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