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और जानिए इनके कम प्रदूषण फैलाने के पीछे का असल कारण
Zee TV के अनुसार दिवाली नजदीक है. पटाखों की गूंज अभी से सुनाई देने लगी है. दिल्ली-एनसीआर में पटाखे की बिक्री और फोड़ने को लेकर बैन लगाया गया है. खतरनाक और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की जगह अब ग्रीन पटाखों का क्रेज दिखाई दे रहा है. लेकिन सवाल है कि ये ग्रीन पटाखे हैं क्या और ये कैसे पुरान परंपरागत पटाखों से अलग हैं ?
ग्रीन फुलझड़ी
ग्रीन पटाखे दरअसल पुराने पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलान वाले होते हैं.
इन ग्रीन पटाखों से खतरनाक कणों का कम उत्सर्जन होता है. दिल्ली में कई दुकानदारों को ग्रीन पटाखों के लिए लाइसेंस दिया गया है.
पुराने पटाखों की तुलना में ये कम ध्वनि प्रदूषण करते हैं. इनमें से अधिकतम 110 से 125 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण होता है जबकि पुराने पटाखों में 160 डेसिबल तक होता है.
इनमें कम खतरनाक केमिकल कंपाउंड इस्तेमाल किए जाते हैं. पैसों की बात करें तो ये पटाखे पुराने प्रदूषण फैलाने वाले
पटाखों से साइज में छोटे और कीमत में महंगे होते हैं.
