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दुमका : घुसपैठियों को नहीं रोका गया तो झारखंड राज्य अपना अस्तित्व खो सकता है…

• भाजपा ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर की पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग

•अवैध रूप से भारत में रहकर यहां की शांति और सुरक्षा को प्रभावित कर रहे लोगों को एक क्षण भी भारत में रहने का अधिकार नहीं – सुनील सोरेन

मौसम गुप्ता… ✍️

दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से केंद्र सरकार पाकिस्तान पर लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है । इसी क्रम में केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को 29 अप्रैल तक भारत छोड़ने का निर्देश दिया था एवं सभी राज्यों को अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उनके विरुद्ध तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है । झारखंड राज्य भी घुसपैठियों के प्रकोप से अछूता नहीं रहा । दुमका, साहेबगंज, पाकुड़ जैसी क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों से इन जैसे अवैध घुसपैठियों के लिए जैसा एक पनाहगाह बन गया है । जो कि राज्य और देश के लिए खतरा बनते जा रहा है । बाबजूद इसके झारखंड मे वोट बैंक की राजनीति इन अपराधों को रोकने के लिए जमीनी स्तर पर किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई करते नजर नहीं आ रहा है।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दुमका के भाजपाईयों ने सोमवार को वैध व अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या, बंग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उन्हें तत्काल भारत छोड़ने हेतु आक्रोश मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दिशा में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित कराने की मांग को लेकर सोमवार को भारतीय जनता पार्टी, दुमका जिला इकाई ने जिलाध्यक्ष गौरव कांत के नेतृत्व में उपायुक्त दुमका को एक ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा दिनांक 25 अप्रैल 2025 को जारी आदेश संख्या 25022/28/2025-एफ.आई. का हवाला दिया गया, जिसमें विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 3 (1) के अंतर्गत देश की सुरक्षा को देखते हुए पाकिस्तानी नागरिकों की वीसा सेवाओं को निलंबित करते हुए उन्हें भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है।

भाजपा का स्पष्ट मत है कि दुमका जिला सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बिना वैध दस्तावेजों या वीसा अवधि समाप्त होने के बावजूद रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की त्वरित पहचान कर कार्रवाई हो।

ऐसे घुसपैठियों की उपस्थिति न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि इससे स्थानीय जनता में भय का वातावरण भी उत्पन्न होता है। स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया जाए कि वे एक विशेष सर्वे अभियान चलाकर पाकिस्तानी नागरिकों की उपस्थिति की पुष्टि करें और कानून सम्मत कार्रवाई करें।

इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष गौरवकांत ने कहा कि भारत माता की धरती पर किसी भी घुसपैठिए को बख्शा नहीं जाएगा। भाजपा राष्ट्रहित में कोई समझौता नहीं करती, चाहे वह किसी भी दल का संरक्षण प्राप्त क्यों न कर रहा हो। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने इस गंभीर विषय पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो भाजपा जनआंदोलन छेड़ेगी।

पूर्व सांसद सुनील सोरेन ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा सिर्फ सैनिक नहीं, जनता भी करती है। जो लोग अवैध रूप से भारत में रहकर यहां की शांति और सुरक्षा को प्रभावित कर रहे हैं, उन्हें एक क्षण भी भारत में रहने का अधिकार नहीं है। दुमका प्रशासन को इस विषय में त्वरित और कठोर कदम उठाने होंगे।

जामा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सुरेश मुर्मू ने कहा कि यह मामला सिर्फ सुरक्षा का नहीं, सांस्कृतिक अस्तित्व का भी है। जिन लोगों का भारत से कोई भावनात्मक जुड़ाव नहीं, वे यहां रहकर षड्यंत्र कर रहे हैं। भाजपा हर उस तत्व के खिलाफ है जो भारत के भीतर पाकिस्तान की सोच फैलाना चाहता है।

जिला मीडिया सह प्रभारी नवल किस्कू ने बताया कि मौके पर पूर्व सांसद सुनील सोरेन, रविकांत मिश्रा, निवास मंडल, सुरेश मुर्मू, परितोष सोरेन, अंजुला मुर्मू, अमिता रक्षित, पवन केसरी, मार्शल ऋषिराज टुडू, धर्मेंद्र सिंह, बबलू मंडल, गुंजन मरांडी, ओम केसरी, दीप्तांशु कोचगवे, रूपेश मंडल, बिमल मरांडी, गोपीनाथ दत्ता, मृणाल मिश्रा, सहदेव मरांडी, गणपति पाल, मुरलीधर मंडल, बिक्की राउत, मनीष सिंह, दीपक स्वर्णकार, रामवतार भलोटिया, मनोज साह, श्रीधर दास, दिनेश सिंह, ममता साह, नीतू झा, अविनाश सोरेन, प्रवीण सिंह, शैलेश राव, महेंद्र मंडल, नीतू झा, संजय जोशी, अशोक ध्रुवलिया, अमन राज, अजय सिंह, भुवनेश्वर टुडू, सूचंद दास, कुश कुमार पाल, इंद्रजीत कुमार, गोविंद दान, बीरेंद्र मरांडी, संतोष सोरेन सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि, झारखंड मे घुसपैठियों के कारण संथाली और आदिवासी समाज की बेटीयां घुसपैठी युवकों के प्यार के जाल में फंसे कर अपनी धर्मांतरण कर शादी कर रही है । परिणाम स्वरूप पिछले कुछ ही वर्षों मे सरना सम्प्रदाय के जनसंख्या में लगभग 8 प्रतिशत का गिरावट आई है । भाजपा के विधायक चौपाई सोरेन को इसकी आभास लग गई थी। उन्होंने ने अपने चुनावी एजेंडे में घुसपैठियों को पहचान कर बाहर का रास्ता दिखाने की बात कही थी । चौपाई सोरेन आज भी इस मुहिम को लेकर तेजी से आगे बड़ रहे हैं और आदिवासी – संथाली समुदाय के धर्म गुरुओं को साथ लेकर जन जागरण अभियान चलाये जा रहे हैं ।

गौरतलब है क्योंकि, जिस आदिवासी, संथाली और सरना सम्प्रदाय के लोगों को झारखंड मुक्ति मोर्चा अपना वोटबैंक का मुख्य आधार मानता है । सरना समाज में ऐसे ही धर्मांतरण का खेल होता रहा तो आने वाले समय में झामुमो मुक्ति मोर्चा को अपने राजनीति बचाना भी मुश्किल हो सकता है ।

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