फर्जीवाड़े का खुलासा: आर्मी में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह गिरफ्तार
संवाददाता : दिप पाल
जमशेदपुर : शहर की पुलिस ने देशभर के युवाओं को भारतीय सेना में चीफ इंजीनियर समेत सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के मास्टरमाइंड समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों में बोकारो आदर्श नगर निवासी मनीष कुमार उर्फ अभय कुमार, दीपराज कुमार भट्टाचार्य उर्फ सोनू, आसनसोल निवासी दिनेश कुमार और मंतोष कुमार महाली शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से भारतीय सेना के दो फर्जी आईडी कार्ड, इंडियन आर्मी की स्टांप, बिना नंबर की कार, टॉय गन और आर्मी का ज्वाइनिंग लेटर बरामद किया है।
कैसे हुआ गिरोह का भंडाफोड़?
गुरुवार को मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि बिष्टुपुर थाना में रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की शिकायत दर्ज हुई थी। जांच के दौरान पुलिस को कुछ मोबाइल नंबर मिले, जिससे मुख्य आरोपी मनीष कुमार तक पहुंचने में सफलता मिली।
इस गिरोह के खिलाफ आर्मी इंटेलिजेंस टीम भी जांच कर रही थी। पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर दो आरोपियों को बोकारो, एक को आसनसोल और एक को रांची से गिरफ्तार किया है।
करोड़ों की ठगी का खेल
पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह साल 2022 से अब तक करीब 1.5 करोड़ रुपये का लेनदेन कर चुका है। ये लोग नौकरी दिलाने के नाम पर पहले 10% रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कराते थे और फिर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर बाकी पैसे ऐंठते थे। एक फर्जी ज्वाइनिंग के बदले 4-5 लाख रुपये तक वसूले जाते थे।
इतना ही नहीं, आरोपी आसनसोल के रेलवे अस्पताल में फर्जी मेडिकल भी करवाते थे। ज्वाइनिंग के दिन ये खुद उस सरकारी दफ्तर में मौजूद रहते थे, जहां जॉइनिंग दी जाती थी। यहां पीड़ितों से छोटे-मोटे काम भी कराए जाते थे, जिससे उन्हें विश्वास हो जाए कि उनकी नौकरी पक्की हो चुकी है।
फिलहाल, पुलिस पूरे गिरोह के नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस ठगी के शिकार कितने लोग हुए हैं।