
नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन कर 109 प्रभावितों के बीच वितरण किया गया नि:शुल्क चश्मा…
सरायकेला संजय मिश्रा:
सरायकेला। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत जिला अंधापन नियंत्रण समिति सरायकेला-खरसावां एवं श्री साईं सेवा संस्थान, रेंगोगोड़ा के संयुक्त तत्वावधान में श्री श्री भैरव बाबा मेला समिति द्वारा बेगनाडीह गांव में आयोजित मेले में नेत्र रोगियों का निःशुल्क जांच एवं जरुरतमंद नेत्र रोगियों को निःशुल्क चश्मा वितरण किया गया। मेला में कुल 109 नेत्र दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्तियों को चश्मा दिया गया।
एवं कुल 35 मोतियाबिंद से पीड़ित व्यक्तियों की पहचान की गई, जिनका निःशुल्क आपरेशन श्री साईं सेवा संस्थान रेंगोगोड़ा द्वारा करवाया जाएगा। नेत्र जांच एवं निःशुल्क चश्मा वितरण शिविर में उपस्थित डॉ. घनपत महतो ने बताया कि मोतियाबिंद नामक नेत्र रोग जिसमें मनुष्य के नेत्र में स्थित लेंस में खुरदरापन आ जाता है जिसके कारण लेंस की पारदर्शिता समाप्त हो जाती है, परिणाम स्वरूप रेटिना (दृष्टि पटल) में प्रकाश का परावर्तन नहीं हो पाता है और धीरे-धीरे रोगी को दिखाई देना बंद हो जाता है।
मोतियाबिंद का एकमात्र उपचार सर्जरी है, जिसमें रोगी के आंख में हल्का सा चीरा लगाकर खुरदुरा/खराब लेंस को बाहर निकाल दिया जाता है एवं उसके स्थान पर स्वच्छ पारदर्शी कृत्रिम लैंस को स्थापित कर दी जाती है, जो 10-15 मिनट के ऑपरेशन से नेत्र चिकित्सक द्वारा सफलतापूर्वक स्थापित कर लिया जाता है। ऑपरेशन की पूरी प्रक्रिया बिल्कुल दर्द रहित होता है, इसलिए मोतियाबिंद के मरीजों को ऑपरेशन के नाम से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।
प्रायः देखा जा रहा है कि मोतियाबिंद के रोगी ऑपरेशन से बचने के लिए जहां-तहां नीम हकीमों से इलाज कराते रहते हैं, जिससे एक तरफ उनकी आर्थिक हानि होती है और दूसरी तरफ किसी तरह से उन्हें अंधापन से राहत नहीं मिलता है। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल सरायकेला के नेत्र विभाग में मोतियाबिंद का ऑपरेशन नेत्र रोग विशेषज्ञ सर्जन डॉ. पी.एम बड़ा के द्वारा नियमित रूप से किया जा रहा है।
जिसका लाभ नेत्र रोगी सरकारी स्तर से प्राप्त कर सकते हैं। निःशुल्क नेत्र जांच एवं चश्मा वितरण शिविर का आयोजन से क्षेत्र के लोगों में काफी उत्साह देखा गया। श्री श्री भैरव बाबा मेला समिति ने शिविर आयोजनकर्ता श्री साईं सेवा संस्थान, रेंगोगोड़ा के संरक्षक एवं संस्था के सदस्यों को पुष्प माला पहनाकर सम्मानित किया। शिविर में मुख्य रूप से समाजसेवी कालीपद महतो, शिक्षक धर्मेंद्र महतो, सदानंद सतपति, कार्तिक महतो, नेत्र सहायक गोपीनाथ यादव, सीताराम महतो एवं कुंजु टुडू का सराहनीय योगदान रहा।
