गुड न्यूज़: कायाकल्प एक्सटर्नल असेसमेंट स्कोर के तहत कमेंडेशन अवार्ड से सम्मानित हुआ सरायकेला सदर अस्पताल, एनक्यूएएस में अव्वल होने का लक्ष्य…
सरायकेला -संजय मिश्रा । कायाकल्प एक्सटर्नल असेसमेंट स्कोर के तहत कायाकल्प पुरस्कार 2023-24 की घोषणा कर दी गई है। जिसमें रांची सदर अस्पताल विनर डिस्ट्रिक्ट अस्पताल रहा है। जबकि राज्य के आठ डिस्ट्रिक्ट अस्पताल में शामिल कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिला के डिस्ट्रिक्ट अस्पताल के साथ सरायकेला-खरसावां जिले के सदर अस्पताल को कमेंडेशन अवार्ड से नवाजा गया है। इसके तहत सदर अस्पताल सरायकेला को कुल ₹300000 की कायाकल्प पुरस्कार राशि प्राप्त होगी। जिसमें से विभागीय निर्देशानुसार 75% राशि सदर अस्पताल सरायकेला के गुणात्मक विकासात्मक कार्य के लिए खर्च की जाएगी। जबकि पुरस्कार की 25% राशि सदर अस्पताल सरायकेला के सभी कर्मियों के बीच मोटिवेशन के तौर पर इंसेंटिव के रूप में वितरित की जाएगी। इससे सदर अस्पताल सरायकेला प्रबंधन एवं पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।
सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिन्हा ने इस पर हर्ष व्यक्त करते हुए इसे टीमवर्क का परिणाम बताया है। और आगे इससे भी बेहतर करने के लिए सभी को प्रेरित किया है। उन्होंने कहा है कि सदर अस्पताल सरायकेला द्वारा सरकार के सभी योजनाओं और कार्यक्रमों को क्रियान्वित करते हुए स्वास्थ्य सेवा में बेहतर प्रदर्शन किया जा रहा है।
सदर अस्पताल सरायकेला के उपाधीक्षक डॉ नकुल प्रसाद चौधरी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि सीमित संसाधन में बेहतर प्रदर्शन करने का श्रेष्ठ उदाहरण रहा है। इसे आने वाले समय में और भी बेहतर बनाया जाएगा। साथ ही नेशनल क्वालिटी एसेसमेंट में सदर अस्पताल सरायकेला अव्वल बनने का लक्ष्य लेकर पूरे जोश के साथ कार्य करेगा।
सदर अस्पताल प्रबंधक संजीत राय ने इसे पूरे टीम की लगन और सफल प्रयास का परिणाम बताया है। उन्होंने बताया है कि 3 महीने पूर्व स्टेट टीम के द्वारा कायाकल्प एक्सटर्नल एसेसमेंट किया गया था। जिसके परिणाम के तहत सदर अस्पताल सरायकेला को कमेंडेशन अवार्ड प्राप्त हुआ है। आने वाले समय में नेशनल क्वालिटी एसेसमेंट के लिए तैयार रहकर प्रथम स्थान प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ कार्य किया जाएगा।
बताते चलें कि वर्ष 2008 में स्थापित हुआ सरायकेला का सदर अस्पताल विभिन्न विषम परिस्थितियों में भी जिले के स्वास्थ्य सेवा के विकास में अहम भूमिका निभाता रहा है। वर्तमान में भी कई एक विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव एवं जीएनएम नर्स के 46 स्वीकृत पदों के एवज में मात्र 6 जीएनएम नर्स के सहारे एएनएम नर्सों के माध्यम से कार्य लेते हुए सीमित संसाधन में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ सरकार के स्वास्थ्य कार्यक्रमों को संचालित कर रहा है।