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मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल एवं गुलमोहर हाई स्कूल में नशापान

एवं प्रोजेक्ट वात्सल्य पर डालसा ने किया कार्यक्रम आयोजित…..

जमशेदपुर । झालसा के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार जमशेदपुर द्वारा नशापान एवं प्रोजेक्ट वात्सल्य को लेकर शनिवार को दो अलग अलग स्कूलों में , जिसमें मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल साकची और गुलमोहर स्कूल टेल्को में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया । उक्त कार्यक्रम के दौरान जहाँ मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी श्री प्रशांत सिंह एवं श्री आलोक ओझा तथा पैनल लॉयर रवि कुमार ठाकुर मौजूद रहे । वहीं दूसरी ओर गुलमोहर हाई स्कूल टेल्को में प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी श्री प्रिया एवं मिस ज्योत्सना पाण्डेय तथा पैनल लॉयर योगिता कुमारी मौजूद थीं ।

जागरूकता कार्यक्रम के दौरान न्यायायिक दंडाधिकारी ने स्कूली बच्चों को नशापान एवं प्रोजेक्ट वात्सल्य पर विस्तार से जानकारी दिया । उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि आज देश में प्रतिदिन 300 कमाने वाले मजदूर से लेकर दस हजार रुपए प्रतिदिन कमाने वाले करीब 28 करोड़ लोग शराब, सिगरेट, तंबाकू, गुटखा, गांजा, भांग, चरस, अफीम और ड्रग्स जैसी नशीली चीजों का सेवन करते हैं और सबसे चिंता की बात यह है कि महिलाओं के साथ-साथ छोटे-छोटे बच्चे भी तेजी से इस नशें का शिकार होते जा रहे हैं। नशा करने वाले ये लोग प्रतिदिन कमसे कम 10 रूपये से लेकर 100 रूपये तक इन नशीली चीजों पर खर्च कर देते हैं। यदि नशा करने वाले सभी लोगों का औसत खर्च केवल 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से निकाल लिया जाए तो 1 दिन का खर्च 28 सौ करोड़ बनता है और इस हिसाब से यदि 1 साल का खर्च निकाला जाए तो 10 लाख 22 हजार करोड़ रुपए होता है।

जो कि हमारे देश के रक्षा बजट से भी ज्यादा है। फिर नशे की वजह से जो बीमारियां होती है, जो अपराध और दुर्घटनाएं होती है, जो प्रदूषण और गंदगी फैलती है। उससे होने वाले नुकसान को भी यदि मिला लें तो इनका खर्च भी लगभग उतना ही बनता है। इसके अलावा नशे की हालत में जो घरेलू क्लेश और लड़ाई झगड़े होते हैं वह अलग। और इसके बदले में मिलता क्या है, बस बर्बादी ही बर्बादी। यदि इन पैसों को शिक्षा, स्वास्थ्य और मानव विकास पर खर्च किया गया होता तो आज हमारा देश जो कि एक गरीब और पिछड़ा देश माना जाता है। कहां से कहां तक पहुंच गया होता। साथ ही नशे के दुष्परिणाम के कारण प्रतिवर्ष 35 से 40 लाख लोग इन मादक पदार्थों के कारण असमय मौत के मुंह में समा जाते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप प्रतिवर्ष लाखों हंसते-खेलते परिवार पूरी तरह से तबाह हो जाते हैं और इन्हीं परिवारों के मासूम बच्चे बड़े होकर पूरे समाज के लिए चिंता का सबब बन जाते हैं। क्योंकि उचित शिक्षा और अच्छे माहौल के अभाव में वे या तो सारी जिंदगी गरीबी से संघर्ष करते हैं या चोरी, डकैती, बलात्कार और आतंकी गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं और इन सभी चीजों के लिए जिम्मेदार है नशा।

इसके लिए उन्हें जागरूक करने की जरूरत है । झारखंड लिगल सर्विसेज ऑथोरिटी ( झालसा ) ने ऐसे लोगों को सही रास्ते पर लाने के लिए और उनके पुनर्वास की व्यबस्था सुनिश्चित करने हेतु प्रोजेक्ट वात्सल्य शुरु किया है । इसके तहत उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाना जरूरी हैं । जिला विधिक सेवा प्राधिकार जमशेदपुर इस उदेश्य की पूर्ति के लिए स्कूल कॉलेज एवं जन मानस के बीच सघन रूप से जागरूकता अभियान चला रही है और बंचित लोगों तक निःशुल्क न्याय पहुँचाने के लिए कृतसंकल्पित है , ताकि लोग जागरूक हो सकें और विकास के मुख्य धारा से जुड़ पाएं । मौके पर डालसा के पैनल लॉयर योगिता कुमारी एवं रवि कुमार ठाकुर ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्य एवं उसके उद्देश्यों के बारें में विस्तार से बताया । इस जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्कूल के प्राचार्या , सहायक शिक्षक सहित पीएलवी में जोबा रानी बास्के , आशीष प्रजापति , नागेन्द्र कुमार , सदानंद महतो , जयंत कुमार , आकाश सिंह समेत काफी संख्या में स्कूल की छात्र छात्राएं मौजूद थे ।

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