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रांची – राज्य सरकार ने प्राइवेट गाड़ियों पर किसी तरह के बोर्ड अथवा नेम प्लेट लगाने को पूरी तरह से गैर कानूनी करार दिया है। ऐसा होने पर गाड़ी मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए दंड लगाया जाएगा। परिवहन विभाग ने संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है जिससे लेकर सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम मे पुलिस प्रशासन सख्ती से गाड़ीयों से  नेम प्लेट उतारने का काम शुरू कर दिया है ।

अधिसूचना के अनुसार छुट दी गई है –
सभी सरकारी गाड़ियों पर एक ही आकार के बोर्ड होंगे लेकिन इनका रंग अलग-अलग होगा।
विधायिका से जुड़े लोगों के लिए हरा रंग, न्यायपालिका, वैधानिक आयोग, कार्यपालिका के साथ-साथ केंद्रीय कार्यालयों के बोर्ड लाल रंग के होंगे जबकि विधि-व्यवस्था संधारण प्राधिकारी व प्रवर्तन प्राधिकारी की गाड़ियों पर नीला रंग का बोर्ड होगा। सभी बोर्ड का आकार 6 इंच गुना 18 इंच होगा और इसपर सफेद रंग अथवा पीतल से अक्षर अंकित होंगे।

किन गाड़ीयों में लगेगी नेम प्लेट – सरकार ने सरकारी अधिकारियों से लेकर लोक उपक्रमों के वरीय अधिकारियों तक के लिए नियम बना दिए हैं। राज्य सरकार के अधिकारियों में विधि-व्यवस्था संधारण से जुड़े सभी अधिकारियों को बोर्ड लगाने की अनुमति होगी। इनमें बीडीओ से लेकर उप विकास आयुक्त स्तर के अधिकारी शामिल हैं। सभी डीटीओ, आरटीओ और जिला खनन पदाधिकारियों को भी बोर्ड लगाने की अनुमति होगी।
अधिसूचना के अनुसार वाहन के शीशे के अंदर कोई भी बोर्ड अथवा नेम प्लेट नहीं लगाया जा सकेगा। जिन सरकारी अधिकारियों को बोर्ड लगाने की अनुमति होगी उनके अलावा बोर्ड लगानेवाले वाहनों के चालकों पर कार्रवाई की जाएगी। वाहन के आगे बोर्ड को इस प्रकार से लगाना है कि नंबर प्लेट स्पष्ट तौर पर दिखता रहे।

पुलिस, प्रेस, आर्मी, कोर्ट, जिला प्रशासन लिखना भी अवैध – गाड़ियों के आगे पुलिस, प्रेस, आर्मी, कोर्ट, जिला प्रशासन आदि लिखना भी अवैध करार दिया गया है। सरकार, प्रशासन और मंत्रालय भी नहीं लिखा जा सकता है। राज्य सरकार की अधिसूचना में वैसे वाहनों और अधिकारियों की सूची भी जारी की गई है जो गाड़ी के आगे नंबर प्लेट लगा सकते हैं।

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