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जमशेदपुर (आनंद रॉ): केंद्र सरकार के किसान विरोधी नीति के खिलाफ पूरे भारत में आहूत बंद बुलाया गया, जिसमें किसानों के अलावा सिख समुदाय, कॉन्ग्रेस, जेएमएम,राजद एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने बंद का समर्थन करते हुए सड़क पर उतरे। जिसका असर जमशेदपुर में मिलाजुला रहा। कहीं पूरा बाजार बंद रहा तो कहीं आंशिक रूप से दुकानें खुली रही ऐसा ही नजारा बिरसानगर सिद्धगोरा बारीडीह और उसके आसपास के बाजारों में देखने को मिली।वैसे सुबह 6:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक बंदी का ऐलान किया गया था, लेकिन इन क्षेत्रों में दुकाने सामान्यतः खुली रही, लेकिन बंदी के आह्वान के कारण खरीदारों की संख्या काफी कम थी। इधर 10:00 बजे के बाद कांग्रेस जेएमएम के कार्यकर्ता सहित सिख समुदाय के विभिन्न संगठन मोटरसाइकिल रैली निकालकर बाजार बंद कराने पहुंचे जहां खुले हुए दुकानों को बंद कराया। कुछ स्थानों पर कांग्रेेेस के कार्यकर्ताओं द्वारा जबरन दुकानों को बंद कराते हुुये भी देखे गए। वैसे दुकानदारों का कहना था कि कृषि नीति के खिलाफ किसानों के आंदोलन का वे लोग समर्थथन करते लेकिन लगातार दो दिन बंद होने से उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ है। उनका मानना है कि रविवार के दिन अगर बंद कराया जाता तो उन्हें नुकसान कम होता क्योंकि कल जूतियां पर्व होने के कारण वे लोग इसकी पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन बंदी के कारण बिक्री पर असर पड़ा़ है। सरकार को किसानो के मांगों पर ध्यान देना चाहिए हमेशा बंदी बुलाने से गरीबों को काफी नुकसान होता है।

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बंदी के कुछ तस्वीरें

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