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जमशेदपुर  पिछले दो महीने में दूसरी बार जुआ-सट्टा के लिए पुलिस के खबरी,लायजनर और संचालक के रूप में कार्यरत राकेश कोहली की गिरफ्तारी से चर्चा का बाजार गरम हो गया है.
सूत्र बताते हैं कि जमशेदपुर में आज से 7 साल पहले एक बडे़ पुलिस अधिकारी का करीबी मुखबीर होने के कारण जमशेदपुर के सभी अवैध धंधेबाजों से ब्लैकमेलिंग कर राकेश को हर साल लाखों की मंथली मिलते आ रही थी.उस अधिकारी के ट्रांसफर के बाद दूसरे अधिकारी फिर तीसरे और इस तरह से कुछ डीएसपी लेवल के अधिकारियों का भी करीबी बन चुका था राकेश कोहली.अपने बेहतर संबंधों के कारण वह पुलिस के लिए खबरी और अवैध धंधेबाजों के लिए लाईजनर के रूप में विख्यात हो चुका था.
मुखबीरी और लायजनिंग के इस धंधे में अवैध कमाई को करीब से देखने वाला राकेश पैसा कमाकर खबरी से धंधेबाज बन भी गया.पहले तो राकेश ने जमकर पैसे कमाए फिर इस तरह के अवैध जुआ और सट्टा के धंधे में उसने पैसे भी खूब लगाए.
धंधेबाजी में आने के बाद उसने सोनारी में जमीन लेकर फ्लैट बनाने का काम भी शुरू कर दिया और बड़ी-बड़ी गाड़ियों से घूमने लगा.यह बात शुक्ला नामक एक सिपाही,खबरी और लाईजनर को पता चली तो उसने आधिकारियों को राकेश के कारनामे बताने का काम शुरू कर दिया.शुक्ला और राकेश की अदावत बढ़ गई तो एसीबी से एक व्यापारी को ढाल बना राकेश ने शुक्ला को जेल भिजवा दिया.
अब कुछ महीनों से शुक्ला उर्फ बाबा जेल से बाहर आ गया है और वह कोहली के सभी अवैध धंधे और लाईजनिंग सिस्टम को ध्वस्त करने में लगा हुआ है.
*कई बार पिटा चुका है कोहली*
पिछले एक महिने पहले बिष्टुपुर से सट्टा चलाने वाले इरफान को जेल भेजते समय पुलिस ने राकेश कोहली को भी जेल भेजा था और पुलिस ने कोहली पर अवैध धंधेबाजों से पुलिस के नाम रंगदारी वसूलने का आरोप लगाया था.अब फिर कल सीतारामडेरा में राकेश को सट्टा चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.राकेश 5 साल पहले गोलमुरी में सट्टा चलाने वाले बक्शी सिहं और 2 साल पहले बिष्टुपुर में इरफान के सटोरियों द्वारा पिटा भी गया था.पिटाई के बाद जब अधिकारी को पता चला कि वसूली के लिए उसे पिटा गया है तो इस घटना पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.इसके बाद उसने गुप्त पत्र लिख बक्शी और इरफान के अवैध अड्डों की जानकारी पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों को भेज अवैध धंधों की लाईजनिंग सिस्टम का खुलासा भी किया था.
धीरे-धीरे अवैध धंधेबाजों ने जब उसे मंथली देना बंद कर दिया तब राकेश अवैध धंधों में पार्टनर और फिर आगे चलकर संचालक भी बन गया.अब लायजनिंग करना,जेल जाना और जेल से छूटकर फिर अवैध धंधे शुरू कर देना राकेश की जीवनशैली का हिस्सा बन गया है.

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