तृषा के साथ शारीरिक संबंध बनाया और फिर कर दी हत्या
12 नवंबर की रात की तृषा की हत्या
जमशेदपुर (दीप): जमशेदपुर के बिष्टुपुर की रहने वाली तृषा पटेल उर्फ वर्षा के साथ 12 नवंबर की रात क्या-क्या हुआ, एएसआई धर्मेंद्र ने आखिर कैसे की हत्या, शव को कैसे लगाया ठिकाने, यह जानना हर कोई चाहता है. जमशेदपुर पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआई) द्वारा पुलिस को बताया गया कि वह तृषा को बीते डेढ़ साल से जानता था. उसकी पहचान जिमी ने करवाई थी. पहचान के बाद वह उसके घर आना-जाना करने लगा. दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे थे, पर तृषा पटेल अपने पुराने मित्र जिमी से भी संपर्क में थी, जो उसे अच्छा नहीं लगता था. इसको लेकर कई बार विवाद भी होता था. इसी बीच तृषा ने उसके साथ का एक अश्लील वीडियो भी बना लिया, जिसे दिखाकर वह ब्लैकमेल करती थी और रुपयों की मांग करती थी. वह वीडियो को उसकी पत्नी को भी दिखा देने की धमकी देती थी. तृषा की इस बात से वह डिप्रेशन में रहता था. घटना के दो दिन पहले भी वह उसके साथ उसके क्वार्टर में रहकर आयी थी. उस दिन भी दोनों के बीच विवाद हुआ था. अंत में उसने तृषा की हत्या का प्लान बनाया. उसने पहले बाजार से दो बड़े-बड़े झोले खरीदे और 12 नवंबर की रात को हत्या करने की सोची. उसने पहले से ही 13 नवंबर से छुट्टी ले रखी थी. घटना की रात उसने तृषा को अपने घर चलने को कहा. तृषा ने पैकिंग की और उसके साथ चल दी. वह उसे टेल्को रोड नंबर एक स्थित अपने क्वार्टर ले गया. वहां पहले दोनों के बीच शारीरिक संबंध बना. थोड़ी देर बाद दोनों के बीच विवाद हुआ. इसी का फायदा उठाते हुए उसने तृषा का सिर दीवार पर दे मारा. जब वह बेहोश हो गई, तो गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. हत्या करने के बाद उसने तृषा के शव को झोले में रखा और झोले के मुंह की सिलाई कर दी. काफी मुश्किलों से शव बोरे में वह ले जा सका और किसी तरह उसकी पैकिंग की. उसने इसके बाद एक सिक्यूरिटी गार्ड को फोन की ताकि यह पता लगा सके कि वहां टाटा मोटर्स या तार कंपनी की कोई गश्ती हो रही है नहीं. जब मालूम चला कि अभी पेट्रोलिंग नहीं है, तब वह बोरा लेकर गया. अपनी बाइक के आगे पेट्रोल टंकी पर शव को रखा और फिर उसे मौका देखकर देर रात को तालाब के पास ही फेंक दिया. शव को फेंकने के बाद उसने तृषा के सामान को नदी में फेंका और उसके मोबाइल को बिष्टुपुर में फेंककर घर चला गया. दूसरे दिन शाम को वह अपने गांव निकल गया. पुलिस को करता रहा गुमराह
घटना के पांच दिन बाद 17 नवंबर को स्थानीय लोगों ने शव को देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी. सूचना पाकर पुलिस ने शव को बरामद किया और उसकी पहचान में जुट गई. हालांकि इस बीच तृषा के परिजनों ने उसकी खोज अपने स्तर से की. 16 नवंबर को परिजनों ने बिष्टुपुर थाना में मौखिक रुप से शिकायत की थी. दूसरे दिन ही शव मिलने के बाद उसके गले के चेन, कड़ा और पहनावे से परिजनों ने उसकी पहचान की. परिजनों ने प्रेमी जिमी और एएसआई धर्मेंद्र का नाम पुलिस को बताया. इसके अलारा उसके कदमा निवासी पूर्व पति विशाल मेहता का नाम बताया और शक जताया कि तीनों में से किसी एक ने ही हत्या की होगी. पुलिस ने पूछताछ के लिए जिमी को हिरासत में लिया पर उसकी संलिप्तता सामने नहीं आई. इसी बीच पुलिस को तृषा के मोबाइल का कॉल डिटेल्स मिला, जिसमें घटना के दिन कई बार धर्मेंद्र से संपर्क की बात सामने आयी. पुलिस ने लोकेशन निकाला तो उसका आखिरी लोकेशन साकची में मिला. बाद में एएसआइ के मोबाइल का लोकेशन भी पता किया गया तो 12 नवंबर को तृषा के साथ ही उक्त एएसआइ का लोकेशन मिला. दोनों का एक साथ ही लोकेशन पाया गया. पुलिस बाद में धर्मेंद्र को उसके गांव से शहर लेकर आई, जहां उससे पूछताछ शुरु की गई. इस बीच वह पुलिस को गुमराह करता रहा. वह पुलिस को हर बार गलत जानकारी देता रहा. आखिरकार पुलिस की कार्रवाई से वह हार गया और अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसकी निशानदेही में पुलिस ने मोबाइल को बिष्टुपुर से बरामद किया. शादी के पहले से लेकर अंतिम समय तक जिमी साथ रहा, इस बीच शादी की और एएसआइ से भी संबंध में रही
जिमी के साथ तृषा का पुराना संबंध था. इस बीच जिमी के रहते हुए ही उसने कदमा निवासी विशाल मेहता से शादी की. शादी के बाद भी वह जिमी से बातचीत करती थी, जिसको लेकर विशाल मेहता से विवाद हो गया और वह अधिकारिक तौर पर तो नहीं, लेकिन वह अलग ही रहने लगी. जिमी बिष्टुपुर थाना का जीप चलाता था और एएसआइ धर्मेंद्र कुमार भी बिष्टुपुर थाना में था. जिमी ही धर्मेंद्र कुमार को लेकर तृषा के पास गया, जिसके बाद तृषा और धर्मेंद्र कुमार के बीच प्यार हो गया और फिर शारीरिक संबंध बनाया. धर्मेंद्र कुमार शादी शुदा था, जिसके बाद उसको ही ब्लैकमेलिंग तृषा करने लगी, जिसके बाद उक्त हत्याकांड को अंजाम दिया. जिमी के साथ संबंध तृषा का काफी पुराना था. यहीं वजह है कि अंतिम संस्कार के दिन भी जिमी साथ में गया और वह काफी रो रहा था. पुलिस वाला था, आज पुलिस वाले ही उसको अपराधी के तौर पर जेल भेजे
एएसआइ धर्मेंद्र कुमार पहले टेल्को थाना में बतौर मुंशी (साक्षर आरक्षी) काम करता था. इस बीच उसकी गलती की सजा मिली थी और उसको सस्पेंड कर दिया गया था और बाद में किसी ग्रामीण थाना क्षेत्र में उसकी पोस्टिंग कर दी गयी. इस बीच वह एएसआइ के पोस्ट पर प्रोमोट हुआ और फिर बिष्टुपुर थाना में आया. एएसआइ धर्मेंद्र कुमार तृषा के प्यार में फिर आ गया और फिर इस कांड को अंजाम दिया. खुद पुलिसवाला था, लेकिन आज वह पुलिस के ही हथकड़ियों में था और खुद अपराधी बनकर जेल गया.