पिता की अस्ती ठंड नहीं हुई, देश के लिए मधुमिता ने गाण्डीव उठाई….
नेशनल चेम्पियनशीप खेल रहे मधुमित पिता के अंतिम संस्कार
कर वापस जम्मु रवाना…..
मुरी (कमलेश दुबे ) कोई यूं ही सफल खिलाड़ी नहीं बनता। एक सफल खिलाड़ी बनने के लिए कड़ी मेहनत, लगन, सकारात्मक सोच और राष्ट्रभक्ति होनी चाहिए। यह सभी गुण झारखंड की तीरंदाज मधुमिता में देखने को मिला तीरंदाजी के क्षेत्र में खुद को साबित करने और देश एवं राज्य का नाम रोशन करने में मधुमिता ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
लेकिन आज पूरे झारखंड का सीना उस वक्त गर्व से चौड़ा हो गया जब मधुमिता ने 2 दिन पूर्व ही अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। उनके पिता का सड़क दुर्धटना में मृत्यु हो गई थी। यूं कहे की पिता की अन्तिम संस्कार से अस्ती अभी ठंड नही हुई थी की राज्य और देश के तिरंगा के लिए गाण्डीव थामने जम्मू को निकल पड़ी ।
मधुमिता सीनियर नेशनल कंपाउण्ड डिबीजन चैम्पियनशिप प्रतियोगिता 25 और 26 मार्च को एम ए जम्मू स्टेडियम में आयोजित किया गया है । जिसमें देश भर के 400 से अधिक तीरंदाज भाग ले रहे है । जो आगामी मई माह में आयोजित इडिंयन गेम्स के लिए टॉप 8 का चयन किया जायेगा । स्थानीय लोगों ने मधुमिता को टॉप 8 में चयन देखना चहते है और इडिंयान गेम्स का प्रतिभागी बने ।