Spread the love

डॉ भीमराव अंबेडकर जी की पुण्यतिथि पर भाजपा युवा मोर्चा ने दुमका के अंबेडकर चौक स्थित प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया….

दुमका ब्यूरो: मौसम कुमार

Advertisements
Advertisements

भारत रत्न ,संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर जी की पुण्यतिथि पर भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष रूपेश कुमार मंडल के नेतृत्व में दुमका के अंबेडकर चौक स्थित उनकी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन श्रद्धांजलि अर्पित किया गया,

श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान पूर्व जिला अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह मुन्ना ने कहा कि भारत रत्न बाबासाहेब अंबेडकर जी ने समरसता और राष्ट्रीय एकता की भावना को एक सूत्र में विरोकर संविधान को सृजन किया, उन्होंने देश को एक ऐसा प्रगतिशील और न्याय केंद्रित संविधान दिया जिसे गरीब से गरीब व्यक्ति के लिए न्याय अधिकार सुनिश्चित हुए हैं, गरीब और वंचित वर्ग के लिए समर्पित बाबा साहेब का जीवन हम सभी के वर्ग के लिये प्रेरणा है बाबा साहब को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर भारतीय जनता पार्टी नमन करती है।

वही भाजयुमो के जिला अध्यक्ष रूपेश कुमार मंडल ने कहा की डॉक्टर भीमराव रामजी अंबेडकर को संविधान का जनक कहा जाता है, आज ही के दिन 6 दिसंबर 1956 को उनकी मृत्यु हुई थी और हर साल 6 दिसंबर के दिन बाबा साहेब की पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण देश दिवस के रूप में हम लोग मनाते हैं, कांग्रेस ने बाबा साहब को वह सम्मान नहीं दिया जो जीवित होने पर उन्हें मिलना चाहिए था उनकी मौत के चार दशक बाद उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था लेकिन बीजेपी सरकार उनके संकल्पों को एक वास्तविकता बनाने के लिए एक क्रांतिकारी प्रयास कर रही है।

भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष श्रीधर दास ने कहा संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में समता, समानता, बंधुत्व एवं मानवता आधारित भारतीय संविधान को 2 साल 11 महीने 18 दिन में तैयार करने में बाबा साहेब की महत्वपूर्ण भूमिका रही, हम सभी उनके आदर्श और विचारों को समाज -जीवन में आगे बढ़ाने का प्रण लेते हैं ।

उक्त श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रदेश कार्य समिति सदस्य अमरेंद्र सिंह मुन्ना, जिला उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह बिट्टू, ओम केसरी, भाजयुमो के जिला अध्यक्ष रूपेश मंडल, जिला महामंत्री अमन राज, गुंजन मरांडी, जिला मंत्री वासुदेव झा,मनीष कुमार, दीप्तांशु कोचगये, चंदन कुमार, अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला श्रीधर दास, लंबोदर दास, पंचानंद भंडारी आदि मौजूद थे।

Advertisements