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एनएच-33 पर वन-वे पुल बना हादसों की वजह, प्रशासन की उदासीनता से ग्रामीण आक्रोशित

रिपोर्टर : कल्याण पात्रो 

चांडिल : एनएच-33 पर चिलगु के पास स्थित पुल के वन-वे किए जाने के कारण लगातार सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं लेकिन प्रशासन की अनदेखी से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। शुक्रवार को हुए ताजा हादसे में एक हाइवा ट्रक मजदूर को बचाने के प्रयास में पलट गया जिससे पीछे से आ रही क्रेटा कार ट्रक से टकरा गई। इस दुर्घटना में कार में सवार यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि मजदूर के दोनों पैर टूट गए। घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने सभी घायलों को जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनका इलाज जारी है।

8 महीने में 66 दुर्घटनाएं, 100 से अधिक लोगों की मौत

समाजसेवी शेखर गांगुली के अनुसार पिछले आठ महीनों में इस पुल पर 66 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें 100 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासन और संबंधित विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।

प्रशासन और एनएचएआई जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे

जब स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सड़क की खतरनाक स्थिति को लेकर शिकायत की तो अधिकारियों ने इसे एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) का मामला बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। वहीं टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने इसे सड़क निर्माण कंपनी की जिम्मेदारी बताया। इस स्थिति में ग्रामीण असमंजस में हैं कि वे अपनी शिकायत लेकर आखिर कहां जाएं।

ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी

लगातार हो रहे हादसों और प्रशासनिक लापरवाही से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही पुल के दोनों ओर यातायात सुचारू रूप से बहाल नहीं किया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने साफ कहा है कि यदि और हादसे हुए तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और एनएचएआई की होगी। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन और संबंधित विभाग इस गंभीर समस्या को कब तक नजरअंदाज करते हैं या फिर ठोस कदम उठाकर सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।

वाइट -स्थानीय,शेखर गांगुली

वाइट -स्थानीय डॉक्टर मुरलीधर हजरा

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