Spread the love

मोदी सरकार का किसान एवं मजदूर विरोधी चरित्र उजागर हो गया है  – झामुमो जिला सचिव समद अली

पाकुड़ SUMIT : कृषि कानून के खिलाफ बुधवार को एकदिवसीय धरना सह प्रदर्शन कांग्रेस जिला अध्यक्ष उदय लखमानी, झामुमो जिला सचिव समद अली, सीपीआईएम के माणिक दुबे, राजद जिलाध्यक्ष गोपिन हेम्ब्रम के नेतृत्व में किया गया। कांग्रेस जिला अध्यक्ष उदय लखमानी ने कहा विगत दिनों भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा “आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020”, “कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2020” एवं “मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा बिल, 2020” (कृषि विधेयक 2020) संसद से बिना बहस के जबरन पारित करवाया गया। मोदी सरकार द्वारा लाए गए बिल किसान विरोधी है इस कानून से किसानों का सुरक्षा कवच समाप्त होगा।

कृषि विधेयक पूर्व में किसानों एवं आम जानों के हित को देखते हुए लागू किये गए थे। परन्तु वर्तमान संसोधन विधेयक के पारित होने के पश्चात इसका सीधा लाभ पूंजीपतियों एवं बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों को मिलना तय हो गया है, देश के बाजारों में काला बाज़ारी करने की खुली छूट दे दी गई है, इसके साथ ही भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का किसान एवं मजदूर विरोधी चरित्र उजागर हो गया है। आज देश भर में 62 करोड़ किसान-मजदूर व 250 से अधिक किसान संगठन इन काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व उनके नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देश को बरगलाने में लगे हुए हैं। सड़कों पर किसान मजदूरों को लाठियों से पिटवाया जा रहा है।

झामुमो जिला सचिव समद अली ने कहा कि

मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है महंगाई आसमान छू रही है, आम लोगों की आय में भारी कमी आई है। 7 साल पहले किसी ने नहीं सोचा था कि अच्छे दिन कुछ इस तरह सामने आएंगे, लेकिन मोदी जी हैं तो सब मुमकिन है। अगर किसान की फसल को मुट्ठीभर कंपनियां मंडी में सामूहिक खरीद की बजाय उसके खेत से खरीदेंगे, तो फिर मूल्य निर्धारण, एम0एस0पी0 वजन व कीमत की सामूहिक मोलभाव की शक्ति खत्म हो जाएगी। क्या फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया साढ़े पंद्रह करोड़ किसानों के खेतों से एमएसपी पर फसल खरीद सकती है? अगर मुट्ठीभर पूंजीपतियों ने किसान के खेत से खरीदी हुई फसल का एमएसपी नहीं दिया तो क्या मोदी सरकार एमएसपी की गारंटी देगी? किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य आखिर मिलेगा कैसे? स्वाभाविक तौर से इसका नुकसान किसान को होगा।

उक्त किसान विरोधी कृषि विधेयक 2020 का प्रत्येक स्तर पर विरोध करता है।

महामहिम राष्ट्रपति का नाम से ज्ञापन उपायुक्त पाकुड़ को सौपा गया।

झामुमो जिला उपाध्यक्ष अजीजुल इस्लाम, कामरेट इक़बाल, युवा अध्यक्ष तस्लीम आरिफ, युवा अध्यक्ष सुनील टुडू, जिला प्रवक्ता मुख्तार हुसैन जिला सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर नलिन मिश्रा, प्रमोद दोकानिया, जिला महासचिव कुमार सरकार, अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष हबीबुर रहमान, मुलेउद्दीन शेख, अनूप सिन्हा, जोएल मुर्मू, महमूद आलम, जिला सचिव असलम अंसारी, अब्दुल उदूद, शाहिद इक़बाल, कृष्णा यादव, संतु चौधरी, मो मनोबर, हजिकुल आलम, मोहम्मद सिराजुद्दीन शेख, हबीबुर् रहमान, कौसर आलम, भगवती गुप्ता, नुरबक सेख, विवेक गोस्वामी, मोतीलाल हांसदा, देविधन टुडू, राम विलास महतो, उमर फारूक आदि मौजूद थे।

Advertisements

You missed