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पटना : बिहार में पिछले बीस वर्षो में दंगों की वारदात में तीन गुना की कमी…

संजय कुमार विनीत… ✍️

बिहार पुलिस मुख्यालय से प्राप्त दंगों से संबंधित आंकड़ों के मुताबिक 2004 से लेकर 2024 तक में दंगों की वारदातों की संख्या में तीन गुना की कमी आयी है। बिहार में 2016 में लागू हुई पूर्ण शराबबंदी और 2021 में शुरू हुई 112 डायल प्रणाली का इसमें काफी योगदान रहा है।

पुलिस मुख्यालय से प्राप्त दंगा से संबंधित आंकड़ों के मुताबिक, 2001 में 8 हजार, 520 दंगे हुए थे। 2004 में इनकी संख्या बढ़कर 9 हजार, 199 हो गई। इसके बाद 2015 में इन घटनाओं की संख्या में थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 13 हजार 311 हो गई। परंतु 2016 में शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद इसमें तेजी से कमी आई। यह संख्या घटकर 11 हजार 617 तक पहुंच गई। इसके बाद 2021 में पुलिस महकमा ने आपातकालीन सेवा के लिए डॉयल-112 की शुरुआत की। इसके शुरू होने के बाद इन घटनाओं में तेजी से कमी दर्ज की गई और यह 2021 में घटकर 6 हजार 298 तक पहुंच गई। 2024 में यह घटकर आधी के करीब पहुंच गई और यह 3 हजार 186 तक आ गई।

इस तरह पिछले 20 वर्षों में दंगों के वारदातों की संख्या में तीन गुणा की कमी आई है। 2005 में तो महज 205 मामले ही दर्ज किए गए हैं। किसी आपात स्थिति या घटना में डॉयल-112 पर कॉल करने के 15 से 20 मिनट के अंदर पुलिस घटना स्थल पर पहुंच जाती है। 2020 में दंगा की 9 हजार, 419 घटनाएं हुई थी, जो 2021 में घटकर 6 हजार, 298 हो गई। एक वर्ष में ही 3 हजार से अधिक की कमी दर्ज की गई।

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