पूर्वी जमशेदपुर से सिखों और पत्रकारों की आवाज बने प्रीतम भाटिया ने किया नामांकन….
जब देश में सब डिजीटल हो रहा है तो चुनाव भी डिजीटल होना चाहिए, चुनाव में नेता रैली,भीड़ और हाईटेक खर्च करता है इसका सीधा बोझ जनता पर पड़ता है :प्रीतम सिंह भाटिया
जमशेदपुर:कोल्हान क्षेत्र में पत्रकारिता से जुड़े दो प्रमुख हस्तियों ने 2024 के विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी ठोकी है.इस बार पूरब और पश्चिम से अन्नी अमृता और प्रीतम सिंह भाटिया दोनों ही बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतर गये हैं जिससे माहौल रोचक हो गया है.अन्नी अमृता जमशेदपुर पश्चिम से चुनाव लड़ रही हैं और वो पहले ही नामांकन कर चुकी हैं.इसी तरह प्रीतम भाटिया भी आज जमशेदपुर पूर्वी से चुनावी दौड़ में अपना पर्चा दाखिल कर शामिल हो गए है.अन्नी अमृता ने अपने चुनाव अभियान के तहत शिक्षा और चिकित्सा जैसे मुद्दों को आधार बनाया है जबकि प्रीतम भाटिया ने पत्रकारों की सुरक्षा व सम्मान के साथ सिखों को नजरंदाज करने का मुद्दा भी नामांकन दाखिल करते हुए उठाया है.
वहीं प्रीतम भाटिया ने अपनी समाजसेवी छवि और पत्रकारिता के अनुभव का हवाला देते हुए पूर्वी जमशेदपुर की जनता से समर्थन की मांग की है.उनका कहना है कि
एक पत्रकार से बेहतर जनप्रतिनिधि कोई दूसरा नहीं हो सकता क्योंकि वह समाज की हर स्थिति और जन समस्याओं से परिचित होता है.उन्होने कहा कि जब देश में सब डिजीटल हो रहा है तो चुनाव भी डिजीटल होना चाहिए श.वे बोले ये जो चुनाव में नेता रैली,भीड़ और हाईटेक खर्च करता है इसका सीधा बोझ जनता पर पड़ता है इसलिए ऐसे प्रत्याशियों को अब नजरंदाज कर देना चाहिए.
आज श्री भाटिया ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत समाजसेवी डॉ कृपाल सिंह सिद्धू से आशीर्वाद लेने के साथ भुईयांडीह गुरुद्वारा और रामनगर साईं मंदिर में माथा टेककर अपने चुनावी अभियान का शुभारंभ किया.
मौके पर श्री भाटिया के प्रस्तावक और रिफ्यूजी कॉलोनी गुरूद्वारा के चेयरमैन हरमिंदर सिंह मिंदी ने कहा कि सिखों को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों द्वारा नजरंदाज किया गया है इसलिए भी प्रीतम भाटिया का बतौर निर्दलीय प्रत्याशी लड़ना बहुत जरुरी है ताकि समाज को एक संदेश जाए कि अब निर्दलीय भी हम खड़े हो सकते हैं.उन्होने कहा कि मुझे उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि प्रीतम भाटिया जैसे जुझारू और समाजसेवी पत्रकार को जनता जरूर अपना समर्थन देगी.श्री भाटिया की प्रस्तावक और समाजसेवी पत्रकार नीतू दूबे व सुनील पांडेय ने कहा कि हमारे पत्रकार ऐसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव विगत 10 वर्षों से झारखंड ही नहीं बल्कि देश में पत्रकारों की आवाज बने हैं और पूर्वी की जनता इनका जरूर समर्थन करेगी.
मौके पर ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वैलफेयर एसोसिएशन के बंगाल प्रदेश प्रभारी अरूप मजूमदार,झारखंड प्रदेश महासचिव प्रविंद पांडेय,प्रदेश सचिव देवेंद्र सिंह,रांची प्रमंडल के प्रभारी दिनेश बनर्जी,पत्रकार रवि झा,रिफ्यूजी कॉलोनी गुरूद्वारा के प्रधान गुरप्रीत सिंह,इश्विंदर सिंह डांग,गुरूशरण कौर,बलजीत सिंह,सिमरन कौर,राजेंद्र सिंह भाटिया,मनिंदर सिंह भाटिया,हरदीप सिंह भाटिया,अभिषेक कुमार,राकेश नरेडी,अमनदीप सिंह भाटिया,स्वयं साहू,शुभम साहू,अनुज श्रीवास्तव,युवराज सिंह,अमन सिंह,राकेश कुमार,अरूण सिंह,राजकमल सिंह,चंदन ठाकुर,विकास सिंह,जसबीर सिंह पदरी,साहिल कुमार,झारखंड वनांचल टाईम्स के संपादक मधुरेश बाजपेयी,बी.कुमार राव,सुभाशीष मार्डी,शंकर करूआ,सौम्य रंजन दास,राकेश साहू,रसमीत सिंह,सरबजीत सिंह,मनदीप सिंह,सुजीत मिर्धा सहित दर्जनों समर्थक मौजूद थे.
चुनाव में दो पत्रकारों की हुई अचानक इस एंट्री ने जमशेदपुर में राजनीतिक माहौल को बहुत ही दिलचस्प बना दिया है.एक तरफ पत्रकारों तो दूसरी तरफ उनके समुदायों से जुड़े वोटरों के लिए भी अब यह प्रतिष्ठा का विषय बन गया है.देखने वाली बात होगी कि पहले की भांति सरयू राय की तरह ही क्या इस बार भी पूरब या पश्चिम से कोई निर्दलीय जीतेगा या फिर जनता का मूड कुछ और ही होगा.