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सरायकेला-खरसावां – आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो की गिरफ्तारी पर आजसू पूरी तरह से ओछी राजनीति पर उतर आई है. जिस प्रकार से हरेलाल महतो ने कोरोनावायरस महामारी संबंधी सरकार की गाइडलाइंस को ताक पर रखकर भीड़ जुटाकर मेले का आयोजन कराया वह दर्शाता है कि जनता की सुरक्षा को लेकर वे कितने लापरवाह हैं.

सिर्फ यही नहीं,जब पुलिस ने अपने कर्त्तव्य पालन हेतु मेले को बंद कराने का प्रयास किया तो हरेलाल महतो के गुंडों ने ग्रामीणों की भीड़ के आड़ में पुलिस और प्रशासन पर पत्थरबाजी कराकर जानलेवा हमला भी करवाया जिसमें कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल भी हुए. यह सीधे तौर पर कानून को हाथ में लेने और कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करने का आपराधिक मामला है. जिस तरह से पूरे मामले में हरेलाल महतो ने दबंगई दिखाकर विधि व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की,एक सभ्य समाज में इसकी कोई जगह नहीं है. ख़ासकर एक जनप्रतिनिधि होने के नाते हरेलाल महतो को समझ रखनी चाहिए कि महामारी के संवेदनशील समय पर इस तरह के आयोजनों से जनता की जान जोखिम में आ सकती है. ऊपर से पुलिस पर हमला करवाना उनकी आपराधिक प्रवृत्ति को भी उजागर करता है. कानून अपना काम कर रही है और आगे भी करेगी. विधि व्यवस्था बिगाड़ने और कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वाले हर व्यक्ति पर सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. आजसू पार्टी द्वारा गिरफ्तारी का विरोध और मुख्यमंत्री का पुतला दहन बिल्कुल ही बेतुका,हास्यापद और असंवैधानिक है.

सरायकेला-खरसावां जिला झामुमो इसकी कड़ी निन्दा करती है. आजसू पार्टी को चाहिए कि ऐसे गैरजिम्मेदार और आपराधिक प्रवृत्ति वाले जनप्रतिनिधियों को बढ़ावा न देकर घटना की जांच में पुलिस और सरकार का सहयोग करें ताकि विधि व्यवस्था बिगाड़ने वाले हर अपराधी तक एक कड़ा संदेश जाए.*

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