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पतरातू में मनाय गया 92वां भगतसिंह शहादत दिवस, वंदे मातरम लगे जयकारे…

रामगढ़ (इन्द्रजीत कुमार)

जिले के पतरातू प्रखंड के पीटीपीएस कॉलेज में शहीद भगत सिंह का 92 वां शहादत दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकेश आनंद तथा संचालन गणेश कुमार ठाकुर के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक के नगर संघचालक जयनंदन शर्मा तथा पंचायत कटिया के मुखिया किशोर कुमार महतो शामिल हुए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक के नगर संघचालक जयनंदन शर्मा ने कहा कि महान देशभक्त भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 को लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था। जो अब पाकिस्तान देश में हैं। उनका पैतृक गांव खटकड़ कला हैं। जो पंजाब भारत में हैं। उसके पिता का नाम किशन सिंह औंर माता का नाम विद्यावती था। महान देशभक्त सह सच्चे महापराक्रमी भगत सिंह का परिवार एक आर्य समाजी सिख परिवार था।

भगत सिंह करतार सिंह सराभा औंर लाला लाजपत राय से अत्याधिक प्रभावित रहे। सन 13 अप्रैल 1919 ईस्वी को जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह की बाल मन पर बड़ा गहरा प्रभाव डाला। उसका मन को झकझोर दिया गया। यह देख देश को स्वतंत्र करवाने की सोचने लगा। भगत सिंह एवं चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर क्रांतिकारी संगठन तैयार किया गया। किशोर कुमार महतो ने कहा कि लाहौर षड्यंत्र मामले में भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा सुनाई गई सुनाई गई।

बटुकेश्वर दत्त को आजीवन कारावास दिया गया। भगत सिंह को 23 मार्च 1931 की शाम 7:00 बजे सुखदेव और राजगुरु के साथ फांसी पर लटका दिया गया। तीनों ने हंसते-हंसते देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया गया। भगत सिंह एक अच्छे वक्ता पाठक वाह लेखक भी थे। उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखा व संपादन भी किया‌। गया इस अवसर पर शहीद राजगुरु एवं सुखदेव को भी याद किया गया। उक्त मौके पर कॉलेज के प्राचार्य रमन चंद्रा सुजीत कुमार पटेल प्रोफेसर कुमार मनोज प्रोफेसर ललन प्रोफेसर जयशंकर ठाकुर सीमा राय सुरेश महतो रणधीर कपूर विनोद कुमार चंद्रचूर राय सनोज कुमार रंजय सिंह इसके अलावा पीटीपीएस कॉलेज के छात्र छात्राएं उपस्थित थे

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