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वसंत ऋतु के रूप में मनाये जाने वाला पर्व है डॉ. अशोक राम

रामगढ़ (इन्द्रजीत कुमार)

डॉ. एस. राधाकृष्णन् शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय सुकरीगढ़ा लारी के बहुउद्देशीय सभागार में गुरूवार को सरहुल पर्व के पूर्व संध्या पर सरहुल मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इसी दौरान मुख्य रूप से जन-आकांक्षा सोसाइटी के सचिव मणिकांत कुमार सिंहा, महाविद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रितेश कुमार, महाविद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव संजय कुमार प्रभाकर, महाविद्यालय प्रबंधन समिति के पूर्व सचिव मनीष कुमार, महाविद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य विरेश कुमार तथा महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सुनीता गुप्ता के द्वारा डॉ. एस. राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभांरभ किया।

सर्वप्रथम शहीद दिवस के याद में भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कार्यक्रम की शुरूआत की गई। शुभारंभ में बीएड के सहायक प्राध्यापक डॉ. अशोक राम एवं व्याख्याता राजेश महतो ने सरहुल की चर्चा विस्तार से की गई। प्राकृतिक पर्व सरहुल आदिवासियों का चैत माह में वसंत ऋतु के रूप में मनाये जाने वाला पर्व है। मनीष कुमार ने कहा कि पतझड़ के बाद पेड़-पौधे की टहनियों पर जब हरी हरी पत्तियां निकलने लगती हैं। आम के मंजर तथा सखुआ और महुआ के फूल से जब पूरा वातावरण सुगंधित हो जाता हैं। तब मनाया जाता हैं। आदिवासियों का प्रमुख पर्व सरहुल। सरहुल पूजा का आयोजन किया गया। जिसमें पहान कालीचरण के द्वारा विधि विधान से सरहुल पूजा की गई।

लोगों ने झूमर गीत, संगीत से सरहुल पर्व मनाया। मंच संचालन बीएड के सहायक प्राध्यापक नयन कुमार मिश्रा के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन एवं देखरेख बीएड के सहायक प्राध्यापक नयन कुमार मिश्रा के द्वारा किया गया। उक्त मौके पर बीएड के सहायक प्राध्यापक रंजु वंदना होरो, राजेन्द्र प्रसाद यादव, सुश्री संजु रंजना होरो, मो. परवेज अख्तर तथा डीएलएड के व्याख्याता सीमा कुमारी, मुरारी कुमार दूबे, सुप्रिया बर्मन, बाबुचंद प्रसाद, सुनील महतो, प्रतिभा कुमारी तथा बीएड एवं डीएलएड के सभी प्रशिक्षु उपस्थित थे।

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