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एआईएसएमजेडब्लूए के अध्यक्ष-महासचिव ने सीएम के नाम रामगढ़ डीसी को सौंपा ज्ञांपन…

रामगढ़: इन्द्रजीत कुमार

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ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आरीफ अहमद कुरैशी एवं जिला महासचिव इंद्रजीत कुमार ने मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त‌ चंदन कुमार को ज्ञांपन सौंपा है.हम आपको बताते चलें कि पत्रकारों पर हमले औंर फर्जी मामलों की सीआईडी जांच सहित अन्य विषयों पर संज्ञान हेतु झारखंड के सभी जिलों में विरोध सप्ताह मनाया जा रहा है.

आवेदन के अनुसार झारखंड में ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन, विभिन्न प्रेस क्लबों एवं अन्य पत्रकार संगठनों द्वारा पूर्व में भी कई बार ज्ञापन प्रेषित किए गए,किंतु दुखद हैं इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.जिलाध्यक्ष आरीफ कुरैशी ने कहा कि झारखंड में पत्रकार साथियों को सरकार द्वारा पूर्व घोषित सुरक्षा व सम्मान योजना से जोड़ने के बजाए फर्जी मामले दर्ज कर दिय गये हैं.उन्होने कहा कि इतना ही नहीं कुछ जिलों में पत्रकारों पर अपराधी भी हमलावर हो गए हैं.

जिला महासचिव इंद्रजीत कुमार ने कहा कि तीन वर्ष पूर्व एसोसिएशन द्वारा फर्जी मामलों को लेकर दर्जनों मांग पत्र सचिवालय,मुख्य सचिव औंर पुलिस मुख्यालय को प्रेषित किए गये थे उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है.वे बोले संगठन द्वारा जिले में पत्रकारों के साथ हुए अत्याचार को दर्शाते हुए दोषियों पर कार्रवाई और जांच की मांग भी उठाई गई थी.

विभिन्न जिला इकाईयों द्वारा पूर्व में बहुत बार भी पत्राचार किया गया तब आईपीआरडी ने सभी जिलों से मामलों को सूचीबद्ध करने का एक पत्र भी जारी किया गया था लेकिन यह आदेश भी अंतत: केवल व्हाट्सएप तक की सीमित रह गया. झारखंड में चुनाव पूर्व सभी वर्गों व समुदाय को ध्यान रखते हुए दर्जनों घोषणाएं देखी जा रही हैं

लेकिन पत्रकारों के हितों में एक भी योजना नहीं बनाई गई हैं.झारखंड राज्य में पत्रकार साथियों पर अनुसंधान के नाम पर लंबित रखे हुए दर्जनों फर्जी मामलों की सीआईडी जांच,पत्रकार सम्मान सुरक्षा योजना,फर्जी पत्रकार न्यूज़ पोर्टल और चैनलों की जांच,पत्रकारों को मिलने वाली बीमा योजना राशि 95% करना,पत्रकारों को मिलने वाली एक एक्रिडेशन सुविधा का सरलीकरण के साथ पुनः बहाल करना,झारखंड सरकार द्वारा पत्रकार आयोग का गठन,विभिन्न जिलों में घर या किराए के मकान पर रहने वाले पत्रकारों को भूखंड या आवास देना,किसी भी पत्रकार पर दर्ज मामले की जांच डीएसपी रैंक के अधिकारी से ही शुरू होना सहित अन्य कई मांगों को ज्ञापन में सूचीबद्ध किया गया है.

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