सरायकेला- खरसावां – बीते दिनों राज्य सरकार द्वारा झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय नियुक्ति परीक्षा में क्षेत्रीय भाषाओं से राष्ट्रभाषा हिंदी सहित मगही, भोजपुरी, मैथिली एवं अंगिका भाषा को हटाए जाने पर एकता विकास मंच द्वारा इसे शामिल किए जाने की मांग लगातार की जाती रही है। इसे लेकर एकता विकास मंच के केंद्रीय अध्यक्ष एके मिश्रा के नेतृत्व में झारखंड उच्च न्यायालय में पीआईएल रिट याचिका दायर की गई। जिसमें राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय में क्षेत्रीय भाषाओं से राष्ट्रभाषा हिंदी, मगही, भोजपुरी, मैथिली एवं अंगिका भाषा को भी झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग के तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय नियुक्ति परीक्षा में शामिल करने की मांग की गई है।
इस संबंध में एकता विकास मंच के केंद्रीय अध्यक्ष ए के मिश्रा द्वारा बताया गया है कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत उक्त भाषाओं को झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की नियुक्ति परीक्षाओं से हटाया गया है। उक्त भाषाओं को पुनः शामिल किए जाने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में पीआईएल दायर किया गया है। इसके साथ ही इस जायज मामले को लेकर सड़क से सदन तक धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा। क्योंकि राज्य में सभी को रोजगार एवं रोजी-रोटी के समान अधिकार हैं।