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पत्रकार और न्यायाधीश लड़खड़ाए तो होगा लोकतंत्र को

नुकसान, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने सबोधन में कहा । इस बात

का समर्थन AISMJWA झारखंड बिहार,बंगाल,

प्रभारी प्रीतम सिंह भाटिया ने किया ….

रांची ब्यूरो: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्ण ने शुक्रवार को स्वतंत्र पत्रकारिता की वकालत की। मुंबई प्रेसक्लब की ओर से आयोजित रेडइंक पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, लोकतंत्र के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए पत्रकारों की स्वतंत्रता को बनाए रखने की जरूरत है। वही पूर्व न्यायाधीश ने कहा, दो पेशों को अनिवार्य रूप से स्वतंत्र होना चाहिए, एक न्यायाधीश और एक पत्रकार। अगर वे लड़खड़ाते हैं, तो लोकतंत्र को नुकसान होता है।

मुंबई में आयोजित रेडइंक पुरस्कार समारोह में पूर्व जज के समबोधन का समर्थन देते हुये AISMJWA बिहार,बंगाल,झारखंड प्रभारी सह झारखंड ऑर्ब्जवर के संपादक प्रीतम सिंह भाटिया ने कहा की देश और राज्य में पत्रकारों की अजादी पर प्रतिबंध लगाई जा रही है जिससे स्वतंत्र और इमानदारी पत्रकारिकता का खून हो रहा है । वही पूर्व जज के बातों पर सरकार को ध्यान देनी चाहिए और पत्रकार सुरक्षा कानून से लोकतंत्र को बचाया जा सकेंगा ।