वट सावित्री पूजा कर सुहागिनों ने की अखंड सौभाग्य की मंगल कामना…
सरायकेला Sanjay । सरायकेला एवं सीनी सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी श्रद्धा भाव के साथ वट सावित्री का व्रत पूजन किया गया। इस अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने निर्जला उपवास व्रत रख शुद्धता से स्नान ध्यान करते हुए सोलह श्रृंगार कर वटवृक्ष के नीचे पहुंची। जहां वट वृक्ष की पूजा कर सौभाग्य कामना के धागा लपेटते हुए वट वृक्ष की परिक्रमा किए। इसके बाद ऋतु फल और प्रसाद का चढ़ावा चढ़ाते हुए सत्यवान सावित्री की कथा का श्रवण किए।
जिसके बाद श्रृंगार के सामग्री का दान करते हुए वटवृक्ष के समक्ष अखंड सौभाग्य की मंगल कामना किए। मौके पर व्रती सुहागिनों ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर वट सावित्री व्रत की शुभकामनाएं दी। इसके बाद अपने सुहाग को पंखा झलते हुए सुहाग के हाथों से जल शरबत ग्रहण कर निर्जला उपवास व्रत खोलें। मान्यता है कि सुहागिनों द्वारा वट सावित्री पूजन करने से उनके सुहाग को दीर्घायु की प्राप्ति होती हैं। और मृत्यु तुल्य संकट कट जाते हैं।
इस अवसर पर सरायकेला बाजार में वट सावित्री पूजन को लेकर विशेष बाजार भी सजा रहा। जिसमें ऋतु फल आम दिनों की अपेक्षा महंगे बिके। इसमें लीची ₹120 से ₹160 प्रति किग्रा, आम ₹60 से ₹80 प्रति किग्रा और संतरे ₹160 प्रति किग्रा की दर से भारी मात्रा में बिके। साथ ही बांस के पंखे का इस अवसर पर त्यौहार को लेकर विशेष डिमांड रहा।