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छऊ गुरु राधाकांत पटनायक के असामयिक निधन पर छऊ

आर्टिस्ट एसोसिएशन ने की शोक सभा….

सरायकेला Sanjay । छऊ गुरु राधाकांत पटनायक के असामयिक निधन से दुखी सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष भोला महांती की अध्यक्षता में जगन्नाथ मंदिर के सांस्कृतिक भवन मे एक शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में कलाकारों द्वारा उनके आत्मा की सदगति हेतु दो मिनट का मौन रखकर उनके चित्र पर माल्यापर्ण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर वरीय कलाकार रजत पटनायक ने कहा कि राधाकांत जी छऊ नृत्य कला के साथ ढ़ोल, नगाड़ा के एक बेहतरीन कलाकार थे। उनके साथ 1985 में लंदन में छऊ नृत्य की कार्यक्रम में भाग ले चुका हूं।

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उनके निधन से कला जगत को काफी नुकसान हुई है जिसकी भरपाई कर पाना मुश्किल है। गुरु शुशांत महापात्र ने कहा कि छऊ कला की विकास में उनके अतुलनीय योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। सरंक्षक सदस्य मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि राधाकांत जी के पिताजी नटशेखर बनबिहारी पटनायक बहुत सारे नृत्य की रचना की थी। जिसके फलस्वरूप राधाकांत जी भी छऊ विद्या में निपुण थे। उन्होंने देश विदेश में कार्यक्रम कर छऊ को अंतरष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई थी। एशोसिएशन के अध्यक्ष भोला महांती ने कहा कि उनके साथ देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यक्रम कर चुका हूं।

वे बहुत ही सरल, हंसमुख तथा मृदुभाषी थे। उनके द्वारा किये गए हर कार्य उनकी याद दिलाती रहेगी। वे हमेशा हमारे दिल में रहेंगे। हम उनके मार्ग दर्शन का अनुसरण कर छऊ के विकास के लिए काम करेंगे। छऊ गुरु ब्रजेन्द्र कुमार पटनायक ने उनके साथ बिताए गए हर पल का जिक्र करते हुए कह कि वे हमेशा युवाओं को छऊ के प्रति प्रेरणा देते थे। उनका इस तरह चला जाने से छऊ के एक अध्याय समाप्त हो गया। उक्त अवसर पर गुरु गणेश चंद्र महतो, सुमित महापात्र, कुना सामल, राकेश कवि, रबिन्द्र मोदक ने भी उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला।

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