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15 दिवसीय भावनात्मक प्रत्यास्थता कार्यक्रम का हुआ समापन . . .

सरायकेला SANJAY । विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश शुरू होने के साथ ही पीरामल फाउंडेशन कोल्हान प्रमण्डल के द्वारा प्रायोजित पंद्रह दिवसीय भावनात्मक प्रत्यास्थता कार्यक्रम का समापन हो गया। सरायकेला प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रबिकांत भकत के द्वारा समापन दिवस पर कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय सरायकेला के शिक्षिकाओं के साथ प्रोजेक्ट सम्पूर्ण के द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम के बारे में संवाद किया गया।

विद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं में तनाव से निपटने, अत्यधिक दुःख अथवा खुशी या अन्य भावनात्मक स्थिति को नियंत्रित करने और अप्रत्याशित परिवर्तन या कठिन परिस्थिति का सामना करने की क्षमता विकसित करने जैसे विषय पर चर्चा किया गया। इसी प्रकार दिन भर भावनाओं को महसूस करने, दिनचर्या आधारित भावनाओं पर चिंतन करने, ऐसे भावनाएं हमारे मस्तिष्क और शारीरिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है, इस कार्यक्रम के तहत सामाजिक एवं भावनात्मक शिक्षा के माध्यम से कठिन हालातों से आने वाले बच्चों और युवाओं में क्षमताओं का विकास कर उनके प्रतिभा को पूरी तरह विकसित करना और एक बेहतर समाज का निर्माण करने में योगदान दे सके तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के तरीके को अपनाना, मुश्किलों को समाप्त कर सकते है। तनाव से निपटने के लिए एक दूसरे से बात करने अच्छी अच्छी किताबे पढ़ना, तनाव के बारे में खुलकर बातचीत करना, क्षमता, सहभागिता, आत्मविश्वास, सम्मान मूल्यों की समझ एवं अच्छे
संस्कारों की समझ बनती है। सामाजिक विकास से अपने समुदाय की समझ और उनसे बातें करने और उन्हें समझने की क्षमता बढ़ती है।

अत्यधिक दुःख अथवा खुशी या अन्य भावनात्मक स्थिति को नियंत्रित करने सुरक्षित और सक्षम माहौल मिलने से बच्चों में सीखने और समझने की क्षमता में वृद्धि होती है। बच्चे ज्यादा जुडाव, सुरक्षित और सम्मान महसूस करते हैं। विद्यार्थी से नकारात्मक अनुभवों को पीछे छोड़ आगे बढ़ना, भावनात्मक दृढ़ता, जटिल समस्याओं की प्रभावशाली रूप से हल करना, तार्किक सोच, पहल करना, जिम्मेदारी पूर्ण निर्णय क्षमता, सायं के विकास के लिए प्रतिबद्ध होना, स्व-जागरूकता, आत्म-सम्मान, ग्रोथ माइंडसेट, सकारात्मक सामाजिक संबंध बनाना और निभाना तथा दूसरों के प्रति समानुभूति, रखना आदि जैसे सकरात्माक गुणों का विकास करने के लिए प्रयत्नशील है।

अपने विभिन्न अनुभवों के माध्यम से इसे और अधिक समझने का प्रयास किया जाएगा। इसी प्रकार ख़ुशी,प्यार, तनाव और क्रोध तथा नकारात्मक भावनाओं को काबू करने भावनात्मक प्रत्यास्थता को सुदृढ़ बनाने, परिवार व दोस्तों का समर्थन तथा सहयोग कैसे लिया जा सकता है। पिरामल फउंडेशन कोल्हान प्रमण्डल के प्रोग्राम लीडर आशीष कुमार के द्वारा सुचारू रूप से कार्यक्रम समापन के उपलक्ष्य में सभी शिक्षक शिक्षिकाओं तथा छात्र छात्राओं को धन्यवाद दिया गया।

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