भटकती मिली मुक्ता को जिला प्रशासन ने ट्रेस कर चार दिनों
बाद सकुशल पहुंच आया उसके घर……
सरायकेला। गरीबी, मुफलिसी और पति की बेरुखी के कारण दर-दर भटकने को मजबूर बदनसीब मुक्ता गोडसेरा को प्रशासनिक संबल के कारण आखिरकार अपना घर मिल ही गया। 22 वर्षीय मुक्ता गोडसेरा एक तो गरीबी से पहले से परेशान थी।
वही शादी के बाद पति के बेरुखी ने उसकी परेशानी को दुगना कर दिया। हालात यह बन गई कि पति ने भी उसका साथ छोड़ दिया। जिसके बाद अपनी जिंदगी से मायूस मुक्ता खुद को भगवान भरोसे छोड़ बिना कोई लक्ष्य के अनंत की राह पर निकल पड़ी। इसी दौरान वह भटकते हालत में सरायकेला जिला के गम्हरिया थाना अंतर्गत आसनबनी में बीते 10 फरवरी को मिली। जहां उसकी मानसिक स्थिति पूरी तरह से ठीक नहीं थी। सबसे पहले उस पर नजर पुलिस की पड़ी। जिसके बाद स्थानीय पुलिस की मदद से उसे जिला मुख्यालय स्थित वन स्टॉप सेंटर पर लाया गया। जहां उसके रहने खाने की पूरी व्यवस्था की गई। इसी दौरान उसके परिजनों के खोजबीन का प्रयास शुरू किया गया।
खोजबीन के दौरान यह पता चला कि वह सरायकेला थाना अंतर्गत पठानमारा पंचायत के बलादबंधा गांव की रहने वाली है। जिसके बाद जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा के निर्देश पर बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष ठाकुर और रेड क्रॉस के सचिव देवाधिदेव चटर्जी ने संयुक्त रूप से उसे सोमवार को उसके पिता के घर पहुंचाया। पिता का घर जाते समय मुक्ता काफी खुश थी।
उसने प्रशासन के प्रयास के लिए धन्यवाद दिया। इस बारे में जानकारी देते हुए रेड क्रॉस के सचिव देवाधिदेव चटर्जी ने बताया कि यह महिला बीते 10 तारीख को भटकते हालत में मिली थी। जिसके बाद इसके घर का पता लगाकर उसे अपने घर भेजा जा रहा है। आगे इस महिला को जिस प्रकार की प्रशासनिक मदद की जरूरत होगी उसे दिया जाएगा।
