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राजनगर में झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के समर्थन में समाने

आये आदिवासी मूलवासी….

सरकार की नीतियों के खिलाफ संघर्ष समिति ने किया मुख्यमंत्री का पुतला दहन….

सरायकेला। भोजपुरी, मगही,अंगिका भाषा के विरोध मे झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के बैनर तले राजनगर बाजार स्थित सिद्धू कान्हू चौक के समीप झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया गया।

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जहाँ विभिन्न राजनीतिक दल के साथ साथ कई बुद्धिजीवी बुजुर्ग और युवा और आदिवासी मूलवासी उपस्थित थे। संघर्ष समिति का समर्थन में विभिन्न राजनीतिक दल के लोग सामने आए। और कहा ये पार्टी की नही माटी की लड़ाई है। जिसमे सभी सरकार की नीतियों का विरोध करते नजर आए। भोजपुरी, मगही और अंगिका भाषा को विरोध पुरजोर किया गया।

बता दें कि राजनगर ब्लॉक मैदान के समीप रविवार को संघर्ष समिति की बैठक आहूत की गई थी। जहां भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए रणनीति तैयार की गई। बैठक की अध्यक्षता झारखंड आंदोलनकारी नेता अनिल महतो के द्वारा की गई। जिसमें झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के जुझारू युवा सदस्य कुलदीप महतो एवं कई बुद्धिजीवी,अनुभवी लोग उपस्थित थे। वहीं संघर्ष समिति की अगली महासभा 21 फरवरी को सरायकेला जिले के गौरांगडीह मैदान में रखने का निर्णय लिया गया। बैठक के बाद आक्रोशित लोगों ने झारखंड की हेमंत सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए राजनगर सिद्धू कान्हु चौक के समीप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया।

 

जहां सरायकेला के पूर्व विधायक अनन्तराम टुडु ने भी संघर्ष समिति का समर्थन करते हुए झारखंड की हेमंत सरकार की नीतियों का विरोध किया।और अविलंब 1932 खतियान को लागू करने की बात कही। वहीं इस मौके पर पूर्व विधायक अनन्तराम टुडु,झारखंड आंदोलनकारी नेता अनिल महतो, कुलदीप महतो,जयप्रकाश महतो,दिलीप महतो, सहदेव महतो सुबोध महतो,सोमनाथ सोरेन,अस्वनी महतो ,दीपक महतो,दुर्गा महतो,प्रकाश महतो,उदित महतो,जगदीश महतो,घनश्याम महतो,रूही महतो,दीनबन्धु महतो,सालखन टुडु,श्रवण महतो,कृष्णा महतो समेत कई आदिवासी मूलवासी उपस्थित रहे।

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