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खरकई नदी पर ओड़िया लोगों का हुआ बंधु मिलन कार्यक्रम।

सरायकेला Sanjay । श्री जगन्नाथ संस्कृति में पावन कार्तिक महीने के बाद ओड़िया समुदाय का बंधु मिलन समारोह खरका नदी के तट पर स्थित चालियामा शिवालय प्रांगण में आयोजित किया गया। इसमें तकरीबन 350 की संख्या में ओड़िया समुदाय के लोग एकत्रित होकर संस्कृति संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। समारोह में उपस्थित कार्तिक परीच्क्षा ने बताया कि सरायकेला खरसावां दो पूर्व देसी रियासतों के अलावा समूचा दोनों सिंहभूम उत्तर कलिंग इलाका रहा।

जो उड़ीसा राज्य के 13 नंबर के राजस्व जिला के रूप में आजाद मुल्क में रहा। जहां छऊ नृत्य की उद्गम स्थली होने के साथ सरायकेला को विश्व प्रसिद्ध उत्कल या सांस्कृतिक धरोहर जिला का दर्जा प्राप्त है। परंतु आज कार्तिक व्रत, बोईत बंदाण बाली यात्रा जैसी संस्कृति पूरी तरह उपेक्षित है। और ओड़िया भाषा की भी स्थिति चरमराई हुई है। ऐसे में जगन्नाथ भजन के साथ सब संस्कृति का पोषण कर इलाके में अपना वजूद को बनाए रखना प्रशंसनीय कदम है। बंधु मिलन कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा ओड़िया घर के जगन्नाथ संस्कृति का पीठा के साथ एक सादे लजीज व्यंजन युक्त भोज का आयोजन किया गया। और उपस्थित लोगों ने समाज और संस्कृति को लेकर अपने विचार रखे।

बताया गया कि मौजूदा हालत में बंधु मिलन कार्यक्रम जैसे आयोजन मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। कार्यक्रम में टाटा कॉलेज के प्रोफेसर सुरेश दास, कोल्हान यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मनोरंजन महापात्र, उत्कल एसोसिएशन जमशेदपुर के महासचिव तरुण मोहंती, इचा राज परिवार से विष्णु पद सिंहदेव, चाईबासा से सामल, उत्कल सम्मेलनी चाईबासा इकाई से रोहित द्विवेदी, श्रीमती ऋतुल भोल, रोहित साहू मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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