बच्चों और शिक्षको के बीच यक्ष्मा बीमारी के बचाव को लेकर चलाया गया अभियान . . .
सरायकेला SANJAY: प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 24 फरवरी से 24 मार्च तक चलाये जा रहे जागरूकता अभियान के तहत शुक्रवार को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय खरसावां मे जिला यक्ष्मा विभाग एवं पीरामल स्वास्थ के संयुक्त प्रयास से विद्यालय के बच्चों एवं शिक्षको के साथ टीबी बीमारी को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अवसर पर टीबी बीमारी के लक्षण,जांच एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गयी। पीरामल के जिला कार्यक्रम अधिकारी फैजुल रहमान ने बताया कि टीबी की बीमारी माइक्रोबेकटेरियम ट्यूबर क्लोसिस बैक्तिरिया से होता है जो मुख्यतः फेफड़े को संक्रमित करता है यह मानव शरीर के अन्य हिस्सों पर भी हो सकती है। टीबी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकता है इसलिए जब भी किसी व्यक्ति को दो या दो सप्ताह से अधिक खांसी हो, बुखार, थकान रात को पसीना आना आदि लक्षण दिखे तो तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर बलगम की जांच करानी चाहिए। जांच के उपरांत टीबी की पुष्टि होने पर सरकार द्वारा मरीज का निशुल्क इलाज किया जाता है साथ ही सरकार द्वारा टीबी संक्रमित व्यक्ति को इलाज की अवधि के दौरान हर माह 500 रूपये पोषण के लिए भी दिए जाते है। टीबी को आपसी सहभागिता से ही समाज से समाप्त किया जा सकता है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक ब्यूटी कुमारी ने सभी छात्राओं एवं शिक्षकों को टीबी बीमारी को 2025 तक जड़ से समाप्त करने की शपथ दिलाई।
जिला यक्ष्मा विभाग से एसटीएलएस तारिक खान ने स्कूल के बच्चों से टीबी के संदिग्ध व्यक्ति को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर भेजने की अपील की। छात्राओं द्वारा चार्ट पेपर पर टीबी के स्लोगन बनाये गए। कार्यक्रम के दौरान पीरामल स्वास्थ्य द्वारा सभी छात्राओं के बीच पेन वितरित किया गया। मौके पर एसटीएस नूरुद्दीन खान, एसटीएलएस तारिक खान, वार्डेन स्वाति महतो, लक्ष्मी महतो व शकुंतला कुमारी समेत अन्य उपस्थित रहे।
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