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ईश्वरीय भक्ति के प्रति आकंठ आस्था की प्रेरणा है भक्त प्रहलाद: पंडित गौरहरि दाश…

सरायकेला। प्राचीन जगन्नाथ श्री मंदिर सरायकेला के प्रांगण में आयोजित की जा रही पांच दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सह ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन प्रवचन सुनने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। तीसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ सेवानिवृत शिक्षक रमानाथ आचार्य, फकिरा पंडा सहित अन्य गणमान्य लोगों द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया। ओडिशा पुरी धाम के कथावाचक पंडित गौरहरि दाश महाराज को सुना साहु द्वारा माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन पंडित गौरहरि दाश जी महाराज ने वामन अवतार और विष्णु भगवान के परम भक्त प्रहलाद की कहानी का रसपान भक्तों को कराया। उन्होंने भागवत प्रेमियों को बताया कि वामन अवतार कथा अनुसार एक बार देवों और दैत्यों में युद्ध हो गया। इस युद्ध में देवता, दैत्य बली से युद्ध हार गए। इसके बाद देवों के राजा इन्द्र भगवान विष्णु की शरण में पहुंचे। तब भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन अदिति के गर्भ से विष्णु भगवान प्रकट हो अवतार लेते हैं। तथा ब्राह्मण-ब्रह्मचारी का रूप धारण करते हैं। और अपनी शरण मे आये हुए सभी देवताओं की रक्षा करते हैं। उन्होंने कथा में आगे कहा कि अब दूसरी कथा प्रह्लाद भक्त की आती है। उन्होंने कहा कि भक्त प्रहलाद मां के गर्भ में ही भक्ति के संस्कार ग्रहण कर लिए थे। नारद जैसे परम भागवत का सान्निध्य मिलने पर दैत्यकुल में जन्म लेते हुए भी प्रह्लाद बचपन से ही भक्त हो गए। प्रह्लाद को भक्त बनता देख पिता हिरण्यकश्यप ने पुत्र को दैत्यगुरु शुक्राचार्य के आश्रम में भी भेजा। गुरुकुल में आचार्यों के पास हिरण्यकश्यपु ने उसे ईश्वर के प्रति भक्ति से विरत रहने की शिक्षा-दीक्षा के लिए भेजा। वहां जाकर भी कुछ नहीं हो सका। उल्टे प्रह्लाद ने अपने सहपाठियों के बीच भी ईश्वर भक्ति की भावना प्रबल कर दी। हर व्यक्ति को भागवत कथा श्रवण करना चाहिए। यह संदेश सरायकेला जगन्नाथ मंदिर में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के प्रवचन में ओडिशा पुरी धाम से आए कथावाचक पंडित गौरहरि दाश जी महाराज ने दिया। पंडित गौरहरि दाश जी महाराज ने कहा कि भागवत कथा में भगवान विष्णु के विविध अवतारों का प्रसंग है। जिन्होंने ने भगवान को पाने के लिए कठोर से कठोर तपस्या की। जिसके जीवन में भक्ति भाव आ जाएगा। उसका जीवन संवर जाएगा। श्री जगन्नाथ मंदिर सरायकेला में श्री जगन्नाथ सेवा समिति सरायकेला के तत्वावधान में आयोजित इस भागवत कथा प्रवचन कार्यक्रम के आयोजन में श्री जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष राजा सिंहदेव, सचिव पार्थसारथी दाश, चिरंजीवी महापात्र, सुदीप पट्टनायक, परशुराम कबि, अजय साहु, सुमित महापात्र, चन्द्रशेखर कर, प्रशांत महापात्र, दुखुराम साहु, जगन्नाथ मंदिर के पुजारी पंडित बह्मानंद महापात्र, पंडित श्री घासी सतपथी एवं अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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