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श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन विभिन्न प्रसंगों पर किए प्रवचन; श्रवण हेतू उमडी़ भीड़…

सरायकेला। सरायकेला प्रखंड अंतर्गत के जगन्नाथपुर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक पंडित रामानाथ होता महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन में जाने अनजाने प्रतिदिन कई पाप होते है। उनका ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करना ही एक मात्र मुक्ति पाने का उपाय है। उन्होंने ईश्वर आराधना के साथ अच्छे कर्म करने का आह्वान किया। वे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए जीवन में सत्संग व शास्त्रों में बताए आदर्शों का श्रवण करने का आह्वान करते हुए कहा कि सत्संग में वह शक्ति है, जो व्यक्ति के जीवन को बदल देती है। उन्होंने कहा कि व्यक्तियों को अपने जीवन में क्रोध, लोभ, मोह, हिंसा, संग्रह आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए। दूसरे पहर व्यासपीठाधीश्वर बसंत प्रधान ने भागवत कथा के दौरान कपिल चरित्र, सती चरित्र, धु्रव चरित्र, जड़ भरत चरित्र, नृसिंह अवतार आदि प्रसंगों पर प्रवचन करते हुए कहा कि भगवान के नाम मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार उतर जाता है। उन्होंने भगवत कीर्तन करने, ज्ञानी पुरुषों के साथ सत्संग कर ज्ञान प्राप्त करने व अपने जीवन को सार्थक करने का आह्वान किया। आयोजन मंडली की ओर से भंडारा का आयोजन किया गया। श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे पहर व्यासपीठ से कथावाचक कृष्णा प्रधान ने कहा कि वैराग्य मानव को ज्ञानी बनाता है। वैराग्य में मानव संसार में रहते हुए भी सांसारिक मोहमाया से दूूर रहता है। उन्होंने वाराह अवतार सहित अन्य प्रसंगों पर प्रवचन किए।इससे पूर्व यजमान रामकुमार ग्वाला की ओर से पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर हिरेन बाबा, विष्णु प्रधान, दिनेश प्रधान, बिमल प्रधान, अजित प्रधान, पंचानन महतो, सहदेव सरदार, दामोदर प्रधान, गुणाधर बेहरा, हेमसागर प्रधान, देवीदत्त प्रधान, विजय प्रधान, शिवरतन प्रधान समेत सैकडो़ की संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।

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