विद्यालयों का औचक निरीक्षण करने बाइक से पहुंचे जिले के जिला शिक्षा अधीक्षक,
कहीं विद्यालय बंद मिला तो कहीं शिक्षक सड़क पर गप लगाते हुए मिले…..
सरायकेला Sanjay । विद्यालयों में संसाधनो की उपलब्धि और अप टू डेट रजिस्टर्ड मेंटेनेंस सहित स्कूली बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक चार्ल्स हेंब्रम बाइक से जाकर सुदूरवर्ती क्षेत्रों के विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इसके तहत जिला शिक्षा अधीक्षक ऑन द टाइम प्रातः 9:00 बजे उत्क्रमित मध्य विद्यालय हातनादा पहुंचे। जहां विद्यालय को बंद पाते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण की मांग की गई थी किस परिस्थिति में प्रातः 9:00 बजे तक विद्यालय को बंद रखा गया। इसके बाद जिला शिक्षा अधीक्षक प्रातः 9:05 बजे नव प्राथमिक विद्यालय कालाझोर पहुंचे। जहां के दोनों पारा शिक्षक सड़क पर गप करते हुए पाए गए। और विद्यालय बंद पाया गया। बाद में जब विद्यालय का जांच किया गया तो विद्यालय में रंग रोगन नहीं पाया गया। और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति भी कम मिली। जिसे देखते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा शिक्षकों को निर्देश दिया गया कि छात्रों की उपस्थिति बढ़ाते हुए नियमित करें। विद्यालय के सभी प्रकार के पंजी का संधारण करें। अनुशासन में रहें और बच्चों को अनुशासन में रखते हुए समय पर विद्यालय का संचालन करें।
इसके बाद जिला शिक्षा अधीक्षक सुदूरवर्ती चारों तरफ पहाड़ से घिरे विद्यालय नव प्राथमिक विद्यालय उदयपुर प्रातः 9:15 बजे पहुंचे। बताते चलें कि राज्य स्तर से पुअर कैटेगरी में शामिल किए गए उक्त विद्यालय में आज तक किसी भी अधिकारी या पदाधिकारी का आगमन नहीं हुआ था। नव प्राथमिक विद्यालय उदयपुर पहुंचे जिला शिक्षा अधीक्षक ने पाया कि 2007-08 का विद्यालय भवन अभी तक अपूर्ण है। विद्यालय भवन का कहीं प्लास्टर भी नहीं हुआ है। और ना ही किसी प्रकार का उस विद्यालय के प्रति वहां के शिक्षकों में रुचि देखी गई। विद्यालय में किसी भी प्रकार का पणजी अप टू डेट नहीं पाया गया। और उस संकुल के संकुल साधन सेवी भी इस संबंध में कभी भी कार्यालय को सूचित नहीं किए गए पाए गए। ना ही उन पर कुछ कार्रवाई की गई। वर्ष 2002 से विद्यालय संचालित है। पहाड़ों के बीच बसे नव प्राथमिक विद्यालय उदयपुर में पदाधिकारी के रूप में पहली बार पहुंचे जिला शिक्षा अधीक्षक ने पाया कि विद्यालय में कुल 9 बच्चे नामांकित हैं। जिनमें से 7 बच्चे उपस्थित पाए गए। मोटरसाइकिल से नव प्राथमिक विद्यालय उदयपुर पहुंचे जिला शिक्षा अधीक्षक ने विद्यालय में अनुपस्थित दो बच्चों के घर जाकर उनके अभिभावकों से मिलते हुए उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ के संबंध में जानकारी दी। साथ ही बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजने के लिए उन्हें प्रेरित किए। जांच के क्रम में विद्यालय में सभी प्रकार के पंजे पूरी तरह से अपूर्ण पाए गए। जिस पर खेद जताते हुए उन्होंने 3 दिनों के भीतर सभी पंछियों को अप टू डेट करते हुए कार्यालय को सूचित करने का निर्देश दिए।
इसके बाद जिला शिक्षा अधीक्षक उत्क्रमित उच्च विद्यालय हुदू पहुंचे। जहां की प्रभारी प्रधानाध्यापिका राजरानी गोडसोरा के अवकाश में रहने के कारण शिक्षक मनोज कुमार वर्मा प्रभार में थे। पूछे जाने पर बताया गया कि विद्यालय में पदस्थापित कुल छह शिक्षकों में से केवल दो उपस्थित हैं। और बाकी सभी अवकाश में है। जबकि नियमानुसार विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों के 50% से अधिक शिक्षक एक साथ अवकाश नहीं ले सकते हैं। प्रभारी मनोज कुमार वर्मा द्वारा बताया गया कि उन्हें विद्यालय के किसी प्रकार की चाबी या अन्य सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसलिए विद्यालय के किसी भी पंजी का निरीक्षण नहीं हो सका।
इस दौरान जिला शिक्षा अधीक्षक ने संकुल साधन सेवी काली पद महतो को शो कॉज करते हुए स्पष्टीकरण मांगे कि उक्त आवंटित अपने विद्यालयों में प्रत्येक महीने में कम से कम 1 दिन उपस्थित होकर विद्यालय की स्थिति से क्यों नहीं अवगत कराया गया? ना ही इस संबंध में कोई लिखित सूचना भी दी गई। ऐसे में क्यों नहीं आपके ऊपर कार्रवाई की जाए। क्योंकि उदयपुर में आज तक विद्यालय भवन पूर्ण रूप से नहीं बनाया गया है। और आपके क्षेत्र का विद्यालय समय पर संचालित नहीं है। उन्होंने संकुल साधन सेवी काली पद महतो को 5 दिनों के भीतर उक्त विद्यालयों के संपूर्ण प्रतिवेदन के साथ स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उक्त विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान सरायकेला प्रखंड एमडीएम प्रभारी राजाराम महतो साथ रहे।