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महाष्टमी पर पूजी गई मां दुर्गा की आठवीं स्वरूपा मां महागौरी; नगर क्षेत्र के पूजा पंडालों में उमड़ी मां के भक्तों की आस्था।

बाबा केदारनाथ मंदिर का आकर्षक लुक दे रहा है हंसाहुड़ी श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा पंडाल।

सरायकेला। मां दुर्गा के शारदीय नवरात्र और वार्षिक पूजन उत्सव को लेकर सरायकेला सहित आसपास का क्षेत्र मां दुर्गामय बना हुआ है। इसी के तहत सोमवार को सरायकेला नगर क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न पूजा पंडालों एवं पूजा मंडपों तथा घरों में माता के भक्तों द्वारा महाअष्टमी की पूजा की गई। इस अवसर पर मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की आराधना की गई। जिसमें विशेष रूप से सुहागिनों, महिलाओं एवं कन्याओं द्वारा उपवास व्रत रखते हुए माता की पूजा अर्चना की गई। मान्यता रही है कि मां महागौरी की वार्षिक पूजा अर्चना से घर परिवार में खुशहाली, संपन्नता और संतान परंपरा बनी रहती है। इसके तहत सरायकेला नगर क्षेत्र अंतर्गत श्री श्री पब्लिक दुर्गा पूजा मंडप, श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा पंडाल हंसाहुड़ी, श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा मंडप इंद्रटांडी, श्री श्री सरायकेला दुर्गा पूजा पंडाल इंद्रटांडी एवं श्री श्री सरकारी दुर्गा पूजा मंडप पुराना बस स्टैंड में विधि विधान के साथ महाअष्टमी की पूजा की गई।

बाबा केदारनाथ मंदिर धाम का लुक दे रहा है हंसाहुड़ी दुर्गा पूजा पंडाल:– हंसाहुड़ी स्थित श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा पंडाल का इस वर्ष बाबा केदारनाथ मंदिर का लुक दिया गया है। जो भक्तों को आकर्षित कर रहा है। आयोजक कमेटी के राजेश मिश्रा एवं रुपेश मिश्रा बताते हैं कि पंडाल के माध्यम से पूरे वातावरण को आस्थामय बनाने का प्रयास किया गया है। साथ ही वैदिक परंपरा के अनुसार मां दुर्गा के प्रतिदिन के धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें भव्य संध्या आरती में भक्त स्वेच्छा से शामिल हो रहे हैं। जिसमें इस वर्ष का सिम रखा गया है “विश्व गुरु अपना भारतवर्ष”

श्री श्री पब्लिक दुर्गा पूजा मंडप में हुआ महामेरू बलिदान:- श्री श्री पब्लिक दुर्गा पूजा मंडप में तांत्रिक मतानुसार आयोजित होने वाली मां दुर्गा के पूजन उत्सव के अवसर पर महाअष्टमी की पूजा के साथ महामेरू बलिदान किया गया। इसके तहत महासप्तमी और महाष्टमी के संधि काल में महासंधि पूजा करते हुए पंचांग अनुसार मध्य रात्रि 11:46:37 बजे महामेरु बलिदान किया गया। जिसमें परंपरा के अनुसार माता की प्रसन्नता के लिए भैंसे की बलि दी गई।

2परंपरागत सोलह दिनी मां दुर्गा के पूजन उत्सव का किया गया समापन:-
जिउतिया अष्टमी से शुरू हुई सरायकेला में मां दुर्गा की परंपरागत सोलह दिनी पूजा का महाष्टमी को समापन किया गया। इस अवसर पर राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव के नेतृत्व में राज परिवार के सदस्यों ने मां दुर्गा की शक्ति स्वरूपा इष्ट देवी मां पाउड़ी के दर्शन किए। जिसके बाद सभी ने माता से क्षेत्र की खुशहाली की मंगल कामना की। इस अवसर पर खेतों से लाए पहले अनाज के भोग का माता को चढ़ावा चढ़ाते हुए महा दीपदान किया गया। जिसके बाद प्रसाद का वितरण राज परिवार के सदस्यों के बीच और आम भक्तों के बीच भी किया गया। मौके पर माता को चढ़ाए गए नए अनाज के भोग का सामूहिक सेवन करते हुए नूआखिया मनाया गया।

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