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रांची में आयोजित “एक भारत-श्रेष्ठ भारत“ के ट्राईबल फोक आर्ट फेस्टिवल में

खरसावां के कलाकारों की भव्य प्रस्तुति का बिखरा जलवा; शिकारी और झुमर नृत्य ने

मोहा मन…..

सरायकेला। झारखंड सरकार के सांस्कृतिक कार्य निदेशालय द्वारा पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र ईजेडसीसी कोलकाता के तत्वाधान रांची के खेलगांव स्थित स्टेट म्यूजियम में आयोजित एक भारत-श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत ट्राईबल फोक आर्ट फेस्टिवल में छऊ नृत्य कला केन्द्र खरसावां के छऊ कलाकारों ने छऊ नृत्य और झुमर नृत्य की छटा बिखेरी।

खरसावां शैली का प्रसिद्व शिकारी नृत्य की भव्य प्रस्तुति देकर यह दर्शाया कि अपनी प्राचीन परंपराओं का निर्वाह कर भी वन्य पशुओं की सुरक्षा की जा सकती है। सेंदरा यानी शिकार की परंपरा अब भी जारी है। इसी परंपरा का निर्वाह करने के लिए पारंपरिक हथियार तीर धनुष एवं भालों के साथ शिकारी घने जंगलों में निकलते हैं। उनकी नजर एक हिरण पर पडती है। कई असफल प्रयास के पश्चात ज्योंहि वे हिरण पर वार करने के लिए तत्पर होते हैं तो निरीह वन्य पशु की रक्षा के लिए शिकारियों की गृहणियां आगे आ जाती हैं। वे अपने पतियों को यह समझाने का प्रयास करती हैं कि वन्य प्राणी अब हमारे भक्षक नहीं बल्कि हमारी संस्कृति एवं पर्यावरण के रक्षक हैं, का संदेश देते हुए छऊ की छटा बिखरे।

इसके अलावे लोक नृत्य कला केन्द्र खरसावां के कलाकारों ने राजा बाभोन, नापित छोबा कोल संथाल तांती हमारा सोबाय आदिवासी…, झमुुर पर आधारित नृत्यों की भव्य प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। छऊ नृत्य कला केन्द्र खरसावां के टीम का नेतृत्व मो0 दिलदार ने किया। जबकि लोक नृत्य कला केन्द्र खरसावां टीम का नृत्य कमल महतो व मो0 रमजान ने किया। इस दौरान छऊ नृत्य कला केन्द्र खरसावां की अच्छी प्रस्तृति के लिए प्रसिद्व लेखिका एव झामुमों नेत्री महुआ मांझी एवं पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र ईजेडसीसी कोलकाता के निर्देशक गौतम मुखर्जी के द्वारा मो0 दिलदार को सम्मानित किया गया। जबकि लोक नृत्य कला केन्द्र खरसावां की अच्छी प्रस्तृति के लिए रांची विश्वविधालय के पूर्व एसओडी बद्री नारायण प्रसाद व ईजेडसीसी कोलकाता के निर्देशक गौतम मुखर्जी के द्वारा मो0 रमजान व झमुर सम्राट कमल महतो को सम्मानित किया गया।

 

छऊ व झमुर नृत्य की भव्य प्रस्तुति करने वाले कलाकारों में मो0 दिलदार, सुदीप घोडाई, नित्या शंकर नंद, मो रमजान, दुलाल कालिंदी, कांतो मछुवा, कमल महतो, सुरज हेम्ब्रम, शंकर बेहरा, धीरतु लोहार, लक्ष्मण बानसिंह, अनुप रविदास, चंदन लोहार, दयाल लेट, करण दास, संतोष लोहार, भूमि कैशरी, अंजल कैशरी, सुलोचना महांती, ज्योति मोदक आदि कलाकार शामिल थे।

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