एक्सक्लूसिव: झारखंड में पहली बार शुरू होने जा रही है आयुष की इंडोर चिकित्सा; सरायकेला-खरसावां जिले में 10 बेड के आयुष हॉस्पिटल बनाने के लिए भूमि चिन्हितीकरण की कवायद शुरू……
अब जरूरतमंद अस्पताल में भर्ती होकर भी करा सकेंगे आयुष चिकित्सा…
सरायकेला Sanjay । जिले सहित राज्यभर में धीमी सांसो से संचालित हो रही आयुष चिकित्सा पद्धति में सरकार के नए फैसले से नवजीवन का संचार हुआ है। इसके तहत सरायकेला-खरसावां जिला सहित राज्य के सभी जिलों में पहली बार आयुष चिकित्सा के तहत 10 बेडेड आयुष अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। इस संबंध में आयुष विभाग के निदेशक द्वारा लिखे गए पत्र के अनुसार अब पहली बार जरूरतमंद मरीज को आयुष अस्पताल में भर्ती कराकर आयुष चिकित्सा पद्धति से नो साइड इफेक्ट वाला इलाज संभव हो सकेगा।
प्रस्तावित 10 बेडेड आयुष अस्पताल के निर्माण के लिए जमीन चिन्हितिकरण की कवायद की जा रही है। जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विपिन चंद्र गुप्ता बताते हैं कि सरकार और आयुष विभाग के पहल पर पहली बार आयुष चिकित्सा के लिए इंडोर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए जाने की शुरुआत की जा रही है। इससे पहले अब तक आयुष चिकित्सा के लिए मरीजों को आउटडोर में ही देखकर इलाज किया जाता रहा है। अब आवश्यक मरीजों को आउटडोर और इंडोर दोनों ही चिकित्सा की सुविधा आवश्यकतानुसार उपलब्ध हो सकेगी। इसके लिए 10 बेड का आयुष अस्पताल बनाया जाना है। जिसके भूमि चिन्हितिकरण के लिए जिले के उपायुक्त एवं अपर समाहर्ता को पत्र लिखा गया है।
क्या होगा खास :-
आयुष चिकित्सा के लिए अब तक आउटडोर सुविधा रही है। 10 बेडेड आयुष अस्पताल उपलब्ध हो जाने के बाद अब मरीजों को इंडोर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराते हुए अस्पताल में भर्ती करा कर आयुष चिकित्सा पद्धति से इलाज कराया जा सकेगा। जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विपिन चंद्र गुप्ता ने बताया कि कुल 25 डिसमिल जमीन पर आयुष अस्पताल का निर्माण किया जाएगा।
नो साइड इफेक्ट की पद्धति है आयुष चिकित्सा पद्धति :-
भीषण कोरोना काल सहित आए दिन पनप रहे विभिन्न रोगों को देखते हुए जननी भारतवर्ष सहित लगभग पूरे विश्व का झुकाव आयुष विशेषकर प्राकृतिक चिकित्सा आयुर्वेद की ओर हुआ है। जिसमें आयुष चिकित्सा के तीनों विंग आयुर्वेदिक चिकित्सा, होम्योपैथिक चिकित्सा और यूनानी चिकित्सा पद्धति को नो साइड इफेक्ट वाला बताया गया है। जिसके चिकित्सा के दो आयाम बताए जाते हैं। जिसमें बीमार है तो बीमारी का इलाज लंबे समय की स्वस्थता के लिए हो। और यदि स्वस्थ हैं तो स्वस्थ बने रहने के लिए समुचित इलाज की व्यवस्था हो।
6 औषधालय को भी मिलेगा अपना भवन :-
लंबे समय से किराए के मकान में संचालित हो रहे जिले के 6 औषधालयों को अपना भवन मिलेगा। इसके तहत जिला अंतर्गत राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय ईचा, जोरडीहा, बुरुडीह खरसावां एवं तिरूल्डीह तथा राजकीय होम्योपैथिक औषधालय जानूम एवं खरसावां को जल्द ही अपना भवन मिलेगा। इसके तहत 10 डिसमिल जमीन पर औषधालय निर्माण के लिए भूमि चिन्हितिकरण की कवायद की जा रही है।