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चैत्र पर्व पर छऊ कलाकारों ने शिव के बाद शक्ति के रूप में मां झुमकेस्वरी के दरबार में मत्था टेका. . .

सरायकेला। सरायकेला की परंपरागत चैत्र पर्व के अवसर पर छऊ कलाकारों द्वारा मंगलवार को मां झुमकेस्वरी की पूजा अर्चना की गई। परंपरा अनुसार शिव के बाद शक्ति के रूप में मां झूमकेश्वरी की आराधना का विधान रहा है। जिसके तहत सरकारी स्तर पर जिला प्रशासन के तत्वाधान राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के प्रभारी निदेशक सरायकेला प्रखंड विकास पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार के नेतृत्व में माता झुमकेश्वरी की आराधना की गई। जिसमें मुख्य रुप से सरायकेला अनुमंडलाधिकारी राम कृष्ण कुमार ने बतौर यजमान मां झुमकेश्वरी की आराधना करते हुए क्षेत्र के सुख शांति एवं समृद्धि की मंगल कामना की। मौके पर गुरु तपन कुमार पटनायक, सेवानिवृत्त वरीय अनुदेशक विजय कुमार साहू, कलाकार सुशांत कुमार महापात्र, विधायक प्रतिनिधि सनद आचार्य सहित कला केंद्र के अग्रणी कलाकार पूजा में शामिल हुए। माता के दरबार में मत्था टेक कर आराधना करते हुए सभी ने चैत्र पर्व एवं छऊ नृत्य कला के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए हाथ जोड़कर प्रार्थना की। इसके पश्चात माता की प्रसन्नता के लिए भोग प्रसाद का चढ़ावा चढ़ाया गया। जिसे पूजा स्थल पर ही भक्तों के बीच बांटकर सेवन कराया गया। मान्यता रही है कि मां झुमकेस्वरी के दरबार में चढ़ाए गए प्रसाद का सेवन झुमकेस्वरी स्थल में ही किया जाता है। माता की पूजा आराधना के पश्चात सरायकेला अनुमंडलाधिकारी राम कृष्ण कुमार एवं गुरु तपन कुमार पटनायक के नेतृत्व में छऊ कलाकारों द्वारा परंपरा अनुसार हाथों में ढाल एवं तलवार लेकर फरिखंडा छऊ नृत्य का प्रदर्शन किया गया। धार्मिक अनुष्ठानों के तहत आगामी 10 अप्रैल को चैत्र पर्व के मुख्य पूजा अर्धनारीश्वर के तहत यात्रा घट भोक्ताओं द्वारा लाया जाएगा।

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