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गीता यज्ञ के शुभारंभ के शुभ अवसर पर बाल कलाकारों ने छऊ

नृत्य के प्रदर्शन से भक्तों का मन मोहा……

सरायकेला। छऊ नृत्य कला सरायकेला की संस्कृति है यह बात आज पुनः जीवंत हो उठी। जब बाल एवं बालाओं ने छऊ की प्रस्तुति कर भक्त दर्शकों को सम्मोहित कर दिया। बताते चलें कि बाना टांगरानी स्थित प्राचीन गुरुकुल आश्रम में आयोजित होने वाले गीता यज्ञ के प्रारंभ के अवसर पर बाल कलाकारों ने छऊ नृत्य की शानदार प्रस्तुति की।

जिसे देखने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। इन बाल कलाकारों को प्रशिक्षण देकर तैयार करने का श्रेय छऊ गुरु गणेश परीक्षा को जाता है। जो सरायकेला छऊ नृत्य के एक जाने-माने कलाकार हैं। उन्होंने अपने खर्चे से इन्हें छऊ में दीक्षित किया। इस कार्य में छऊ गुरु मलय साहू ने भी ने उन्हें सहयोग किया। बाल कलाकारों की यह प्रस्तुति दर्शकों द्वारा काफी सराही गई। कलाकारों ने हरो पार्वती, आरती, कालिया दमन , देवदासी, प्रजापति समेत कुल 10 नृत्यों की प्रस्तुत की। और भूरी भूरी प्रशंसा बटोरी। यह प्रस्तुति मुख्य रूप से बालिकाओं के प्रतिभा का प्रदर्शन थी। जिसमें प्रगति पटनायक ,अक्षरा सिन्हा ,आरुषि परीक्षा, प्रांजल पटनायक शामिल रहीं।

बाल कलाकार के रूप में सूरज परीक्षा, आदर्श परीक्षा एवं अभिजीत राऊत ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर गणेश परीक्षा, संजय कर्मकार ,शिवचरण साहू, पंकज साहू ने भी नृत्य प्रस्तुत किया। मंगला मुखी एवं आद्यपद्य साहू ने वाद्य यंत्रों द्वारा इनके नृत्य को ताल प्रदान किया। इस अवसर पर आश्रम प्रमुख स्वामी कर्मानंद सरस्वती उर्फ चंदन बाबा एवं ग्रामीण समाज की काफी संख्या में महिला एवं पुरुष उपस्थित रहे।

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