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पुलिस हाजत में हुई आत्महत्या से पुलिस की करवाई पर उठे सवाल, पुलिसकर्मियों पर भी हो सकती है करवाई,

मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में होगी पोस्टमार्टम…..

सबसे बड़ा सवाल आखिर युवक ने आत्महत्या क्यों की ? जांच का विषय…… 

आदित्यपुर (ए के मिश्रा) सरायकेला खरसावां जिले के सरायकेला थाना अंतर्गत बुधवार को सरायकेला थाना परिसर स्थित बालमित्र कक्ष में मोहन मुर्मू नामक नाबालिग ने बेल्ट के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना प्रकाश में आते ही जंगल में आग की तरह पूरे जिले में फैल गई घटना बुधवार दिन के करीब 11 बजे के आसपास की बतायी ज रही है. मामले की सूचना मिलते ही एसपी आनंद प्रकाश, एसडीपीओ हरविंदर सिंह एवं गम्हरिया थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह बुधवार देर रात सरायकेला थाना पहुंचे और मामले की जांच की. एसपी के निर्देश पर बतौर मजिस्ट्रेट सरायकेला सीओ सुरेश प्रसाद सिन्हा शव का पंचनामा कर सदर अस्पताल के शीतगृह में भिजवाया ।

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इस संबंध में जानकारी देते हुए एसपी आनंद प्रकाश ने बताया कि सरकार द्वारा जारी “आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार” शिविर में शिरकत करने वे कुचाई के घोर सुदूर ग्रामीण नक्सल प्रभावित क्षेत्र गए थे।जहां नेटवर्क की समस्या होने के कारण संपर्क नहीं हो पाया। सरायकेला लौटने पर थाना प्रभारी ने पुलिस कस्टडी में युवक की मौत होने की सूचना दी। घटनास्थल पर पहुंच पूरे मामले की जांच की, और सरायकेला सीओ की मौजूदगी में पंचनामा कराया गया. मामले की जानकारी युवक के परिजनों को दे दी गई है. उनके आने पर जिस तरह की शिकायत मिलेगी उस आधार पर कार्यवाई की जाएगी। गुरुवार को मेडिकल बोर्ड की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. रिपोर्ट के आधार पर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

सूत्रों के अनुसार 26 अक्टूबर को गोहिरा की रहने वाली एक नाबालिग के परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।27 अक्टूबर को युवती को उसके कथित प्रेमी मोहन मुर्मू के साथ परिजन दोनों को थाने लेकर पहुंचे थे। जहां परिजनों ने युवक को पुलिस को सौंप दिया, और युवती को अपने साथ वापस घर ले गए। युवक के परिजनों के आने तक उसे थाने में ही रखा गया।जहां 3 दिन बाद बुधवार को युवक ने बालमित्र कक्ष में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली हालांकि युवती के परिजनों ने युवक के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं कराया है। इसके बावजूद युवक को हिरासत में तीन दिनों तक रखा गया ।

इस को लेकर पुलिस कार्रवाई पर कई सवाल उठ रहे हैं और तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। हाजत में किसी को यदि रखा जाता है तो उसके शरीर में वस्त्र के अलावा कोई भी अन्य सामान रखने की अनुमति नहीं होती है। ऐसे में युवक को बेल्ट पहनकर हाजत के अंदर कैसे रखा गया। ऐसे कई गंभीर सवाल खड़े हैं। बगैर वरीय पदाधिकारियों के शव को फंदे से उतारा गया।

से कई सवाल हैं जिसको लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। यदि समय पर युवक के परिजनों को सूचित कर उनके हवाले कर दिया गया होता तो यह नौबत नहीं आती। युवती के परिजनों ने किसी प्रकार की कोई शिकायत ही दर्ज नहीं कराई तो आखिर युवक ने आत्महत्या क्यों की ? बहरहाल सभी की निगाहें पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एसपी की कार्रवाई पर टिकी है। वहीं सूत्रों के अनुसार परिजनों के साथ राजनीतिक दल और उनके शुभचिंतक की भी थाने पर आने की बातें कही जा रही है

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