ससुर की गर्दन काट कर निर्मम हत्या करने के आरोपी को
पीडीजे की अदालत ने सुनाई सश्रम आजीवन कारावास की
सजा
सरायकेला। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार की अदालत ने ससुर की गर्दन काट कर निर्मम हत्या करने के एक मामले पर सुनवाई करते हुए मामले के आरोपी दामाद मिहिर महतो सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने भादवि की धारा 302 के तहत अभियुक्त मिहिर महतो को मामले का दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास के साथ-साथ ₹5000 अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं अदा कर पाने की स्थिति में अभियुक्त मिहिर को 3 महीने अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
इसी प्रकार हत्या कर साक्ष्य छुपाने के आरोप में भादवी की धारा 201 के तहत दोषी पाते हुए अभियुक्त मिहिर को 3 साल सश्रम कारावास एवं ₹2000 अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं अदा कर पाने की स्थिति में अभियुक्त मिहिर को 2 महीने अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
गम्हरिया थाना कांड संख्या 38/ 2014 के तहत गम्हरिया थाना में पदस्थापित सहायक पुलिस अवर निरीक्षक जगेश्वर राम के बयान पर मामला दर्ज कराया गया था। जिसमें 15 अप्रैल 2014 को गम्हरिया-सीनी डाउन रेलवे ट्रैक पर प्रतापपुर गांव के समीप एक अज्ञात शव मिलने का मामला था। अनुसंधान के क्रम में जिसकी पहचान राजनगर के बड़ा कुनाबेड़ा गांव निवासी शंकर महतो के रूप में हुई थी। अनुसंधान के क्रम में मृतक शंकर महतो के दामाद मिहिर महतो की संलिप्तता सामने आने पर उसकी गिरफ्तारी के बाद उसने अपने स्वीकारोक्ति बयान में हत्या करने के कारणों का खुलासा किया।
जिसमें मिहिर ने बताया था कि वह मृतक शंकर महतो के पुत्री से प्रेम करने के पश्चात दोनों पक्षों की बिना सहमति के प्रेम विवाह कर लिया था। जिससे मृतक शंकर महतो काफी नाराज चल रहा था। कई बार अपने दामाद मिहिर महतो को जान से मारने की धमकी भी दिया था। जिससे तंग आकर मिहिर ने योजना के तहत खुद ही अपने ससुर शंकर महतो की हत्या घर के किचन की बैठी से काटकर कर दी थी। जिसे मिहिर ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में अपना जुर्म स्वीकार किया था।