नाबार्ड के जेएलजी योजना के अंतर्गत 4.07 करोड़ का हुआ बैंक ऋण वितरण।
एफपीओ के माध्यम से होगा किसानों
की आर्थिक स्थिति में बदलाव : मुख्य
महाप्रबंधक नाबार्ड…
सरायकेला Sanjay : राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक(नाबार्ड) के मुख्य महाप्रबंधक विनोद कुमार बिष्ट ने मंगलवार को राजनगर प्रखंड के अन्तर्गत एनजीओ सहयोगी महिला बागरायसाई के तत्वाधान में नाबार्ड के वित्त पोषण से चलाई जा रही एफपीओ परियोजना और जेएलजी योजना की प्रगति का जायजा लिया।
सीजीएम विनोद कुमार बिष्ट ने बताया कि एफपीओ अर्थात किसान उत्पादक संगठन गांव ग्रामीणों और किसानों की आर्थिक व सामाजिक दशा में बड़ा परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है। एफपीओ के माध्यम से किसानों के उत्पादन लागत में कमी, आधुनिक तकनीकी ज्ञान की जानकारी और बेहतर विपणन सुविधा सुलभता से प्रदान की जा सकती है।
इसके अलावा सीजीएम ने बताया कि कृषि और गैर कृषि क्षेत्रों में उद्यमिता के विकास हेतु आवश्यक बैंक ऋण की सुविधा जेएलजी अर्थात संयुक्त देयता समूह के माध्यम से सुलभ रूप से हो सकती है। और नाबार्ड ने इसके लिए झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के साथ अन्य कई बैंकों के साथ करार किया है।
इसी करार के अंतर्गत बागरायसाई में जेएलजी के माध्यम से सरायकेला- खरसावां जिले के 103 जेएलजी (ज्वाइंट लाइबलिटी ग्रुप) के बीच 2.31 करोड़ रुपए तथा पूर्वी सिंहभूम जिले के 80 जेएलजी के बीच 1.76 करोड़ रुपए के ऋण का वितरण हुआ। जिससे कि सरायकेला-खरसावां जिले के 464 ग्रामीणों और पूर्वी सिंहभूम जिले के 353 ग्रामीण लाभान्वित हुए। मौके पर उपस्थित पर नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सिद्धार्थ शंकर ने एफपीओ से किसानों को जोड़ने की गति में तीव्रता लाने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक आरपी रजक, एलडीएम वीरेंद्र कुमार शीट, वरीय वैज्ञानिक डॉक्टर अरविन्द मिश्रा, पर्यावरणविद् चामी मुर्मू समेत एफपीओ के सदस्य किसान तथा जेएलजी के लाभुक उपस्थित रहे।
सीजीएम ने बारूदरहा जलछाजन परियोजना का लिया जायजा, कहा… प्राकृतिक संसाधनों का हो विवेकपूर्ण उपयोग….
अपने राजनगर दौरे के क्रम में नाबार्ड के सीजीएम विनोद कुमार बिष्ट ने नाबार्ड वित्त पोषित बारूदरहा जलछाजन परियोजना के प्रगति और गुणवत्ता का जायजा लिया। इस अवसर पर धुरीपदा गांव में आयोजित कार्यक्रम में सीजीएम विनोद कुमार बिष्ट ने ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए जलछाजन क्षेत्र में कृषि और कृषि आधारित आर्थिक गतिविधियों को आधुनिक तकनीकों और नवाचार के प्रयोग के माध्यम से वृहत्तर स्तर पर बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने संसाधन के सर्वोत्तम उपयोग हेतु टपक सिंचाई, स्प्रिंकलर, समेकित कृषि प्रणाली आदि को ग्रामीण क्षेत्र में प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया। मौके पर डीडीएम सिद्धार्थ शंकर ने समस्त हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय और सामंजस्य की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में कार्यकारी संस्था सहयोगी महिला के प्रतिनिधि और बारूदरहा जलछाजन परियोजना क्षेत्र में शामिल 11 गांवों के किसान उपस्थित रहे।