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उत्कलमणि आदर्श पाठागार द्वारा पदम श्री स्वर्गीय पंडित गोपाल

प्रसाद दुबे को दी गई श्रद्धांजलि…

सरायकेला Sanjay । उत्कलमणि आदर्श पाठागार, सरायकेला नाटक भवन में संस्था के सदस्यों ने पद्मश्री पंडित गोपाल प्रसाद दुबे की असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके आत्मा की सदगति हेतु दो मिनट का मौन रख उनके चित्र पर माल्यापर्ण कर श्रधांजलि दी। इस अवसर पर संस्था के उपाध्यक्ष सुदीप पटनायक ने कहा कि गोपाल जी का इस तरह चला जाना बहुत ही पीड़ा दायक है। हम सभी आज एक अनमोल रत्न को खो दिए हैं। महासचिव जलेश कवि ने कहा कि गोपाल जी छऊ कला के एक बेहतरीन कलाकार के साथ गुरु भी थे। उनके निधन से कला जगत को काफी नुकसान हुई है।

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जिसकी भरपाई कर पाना असंभव है। वे हमेशा युवा कलाकारों को छऊ शिक्षा के प्रति प्रेरणा देते थे। खेल सचिव भोला महांती ने कहा कि छऊ कला की विकास में उनके अतुलनीय योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। गोपाल जी बहुत ही सरलता के साथ बच्चों को छऊ की शिक्षा देते थे। उन्होंने देश विदेश में कार्यक्रम प्रस्तुत कर छऊ को अंतरष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। छऊ गुरु शुशांत महापात्र ने कहा कि गोपाल जी के साथ मै भी देश विदेश का दौरा कर चुका हूं। वे बहुत ही मिलनसार व्यक्ति थे और काफी अच्छा नृत्य करते थे। और हमेशा समय को बहुत ज्यादा अहमियत देते थे। गोपाल जी के अनुज सुनील दुबे ने कहा कि उनके द्वारा किये गए हर कार्य हमे उनकी याद दिलाती रहेगी। वे अपने जीवन में बहुत सारे कष्ट सह कर यह मुकाम हासिल किए थे। हर वक्त हमारी पारंपरिक छऊ कला के विकास के बारे में सोचते थे।

हमेशा वे हमारे दिल में रहेंगे। हम उनके मार्ग दर्शन का अनुसरण कर छऊ के विकास के लिए काम करेंगे। वही हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। चंद्रशेखर कर ने कहा कि गोपाल जी छऊ कला के साथ साथ अच्छे नाटक कलाकार भी थे। गुरु तरुण भोल और अनिल सारंगी ने उनके साथ बिताए हुए हर पल का जिक्र किया। इस अवसर पर सह सचिव पवन कवि, सुखलाल महांती, हलधर दाश, चिरंजीबी महापात्र, गजेंद्र महांती, सुमित महापात्र, टूना कवि, चक्रधर महांती सहित अन्य उपस्थित रहे।

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