हे प्रभु यह कैसा बालू का खेल, क्यों नही मिले प्रशसान को अबैध कारोबारीयों का समान……
बालू कारोबार पर प्रशासान की छापामारी की योजना फेल,
5 दर्जन डोंगा जप्त ,बालू उठाव की सबूत लेकर प्रशसान वापस
और अब सवाल के घेरे में प्रशासन ……..
सरायकेला (ए के मिश्रा) – बालू माफियाओं की अवैध उत्खनन पर आज सरायकेला -खरसावां जिला प्रशासन की टीम गम्हरिया प्रखंड के सांपडा स्थित स्वर्णरेखा और खरकई नदी से अवैध बालू खनन की जांच करने सरायकेला और चांडिल एसडीओ पूरे लाव-लश्कर के साथ पहुंचे । लेकिन टीम के पहुंचने से पहले ही बालू माफियाओं को प्रशासनिक कार्रवाही की सूचना मिल गई । जिस कारण टीम के पहुंचने के पूर्व ही बालू खनन जगह से सभी 407 और ट्रैक्टर गाड़ियों को सुरक्षित कर लिया गया ।
इस दौरान उनके साथ जिला खनन पदाधिकारी, गम्हरिया अंचलाधिकारी, रेंजर कपाली और आदित्यपुर के थाना प्रभारी भी मौजूद रहे। पदाधिकारियों को सॉपड़ा और गौरी घाट से 24 घंटे बालू केअवैध खनन के कई सबूत के साथ 5 दर्जन डोंगा भी जप्त किया । वही प्रशसान इस कार्रवाही के 7 घंटों की कड़ी मसकद के बाद खाली हाथ लौटना पड़ा और यह भी महासूस करना पड़ा की आस्तिन के सांफ काम कर गया । वही सरायकेला अनुमण्डल पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार अनुमण्डल पदाधिकारी रंजीत लौहरा ने बताया कि गौरी और सॉफड़ा नदी के घाट से अलग ही टेक्नोलॉजी से बालू के अबैध कारोवारी चल रहा है । नदी के अन्दर से लगभग 5 दर्जन डोंगा को जप्त किया गया । यह मजदूर जान पर खेलकर बालू का नदी से निकालाने का काम करता है । इस दौरान मजदूरों की मौत भी होती होगी । वही उन्होंने कहा की इस अबैध कारोंबार को सख्ती से बंद करने की तैयारी में जिला प्रशसान एक जुट हो रही है ।
प्रशासन पर उठ रही है सवाल :-
अब सवाल प्रशासान पर भी उठना शुरू हो गया है कि इन अवैध कारोवारियों का सरकारी गुप्तचर कौन है । जो छापामारी दल के आने की सूचना कौन देता है । इस छापामारी से लगभग 200 से अधिक नदी से बालू निकालकर अपना भरन-पोषण करने वाले मजदूर की भूखमरी की स्थति तक पहूंचाने वाले खबरी लाल कौन । प्रतिदिनों मजदूरी करने वालों पर प्रशासनिक और राजनिति दबाव क्यों दी जाती है । वही बालू माफिया का कहना है कि अवैध कारोबार में पुलिस प्रशासन खुलेआम वसूली करती है । कुछ राजनिति पार्टी और गैर रानिति पार्टी के लोग मध्यस्था इस अबैध कारोबार में पीला सोना के चमक में बिकते है ।
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