आदिवासी कुड़मी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने डीएसई से मिलकर कराए जा रहे जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के सर्वेक्षण के संबंध में सौंपा ज्ञापन . . .
सरायकेला : SANJAY
आदिवासु कुड़मी समाज के केंद्रीय अध्यक्ष प्रसेनजीत महतो के नेतृत्व में सरायकेला-खरसावाँ जिला के जिला शिक्षा अधीक्षक चार्ल्स हेंब्रम से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा गया। साथ ही डीइओ और एपीडीओ से भी मुलाकात किया गया। बताया गया कि वर्तमान में नई भारतीय शिक्षा नीति के तहत झारखण्ड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं का सर्वेक्षण करवाया जा रहा है। इसके आधार पर स्कूल के अध्यापकों द्वारा रिपोर्ट तैयार कर बीईईओ को और फिर उनके द्वारा डीएसई को जमा किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि ज्ञात सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट के बाबत ही राज्य सरकार द्वारा संबंधित स्कूलों में 50 या उससे अधिक संख्या वाले भाषाओं पर एक माचेत/मास्टर की नियुक्ति की जायेगी। यह सर्वेक्षण ऐसे समय में किया जा रहा है जब स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां हैं। और देश में लोक सभा का चुनाव चल रहा है। देखा जा रहा है कि जिले के कुड़मी बहुल गाँवों के स्कूलों में बाँग्ला या अन्य भाषा को भरकर दिया जा रहा है। ऐसे में इन स्कूलों में बच्चों को बांग्ला के शिक्षक और बांग्ला लिपि में पढ़ना बाध्यता हो जायेगी।
जबकि कुड़मी समुदाय की मातृभाषा कुड़माली है और इसकी पढ़ाई देवनागरी लिपि में होती है, जिसे बच्चे आसानी से पढ़ और समझ पाते हैं। कुड़माली भाषा की पढ़ाई शुरू होने से मातृभाषा के साथ उससे जुड़ी संस्कृति का संरक्षण भी संभव हो सकेगा।
इसलिए ज्ञापन के माध्यम से प्रत्येक स्कूलों में त्रुटियों को सुधार कर कुड़मी समुदाय के छात्र-छात्राओं के लिए कुड़माली भाषा को दर्ज करने का निवेदन किया गया है। समाज के लोगों से भी अपील है कि अपने अपने गाँव के स्कूल में जाकर अपने स्तर से भी भूल सुधार कराने का प्रयास करें।
मौके पर जिले के स्वास्थ्य एवं शिक्षा तथा म० शि० एवं सा० क० स्थाई समिति की अध्यक्ष श्रीमती मधुश्री महतो भी मौजूद रहीं। प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश सदस्य पंचानन महतो, जिला संयोजक मनोज कुमार महतो, दीपक महतो, राजेश महतो, डॉ० विभीषण महतो, मनोज महतो, रीना महतो आदि शामिल रहे।