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नर्क जीवन एवं बाधित बिजली पानी से जुड़े समस्याओं का सरकार करें निराकरण; अन्यथा आंदोलन: मनोज कुमार चौधरी . . .

सरायकेला : SANJAY

सरायकेला-खरसावां जिले में रहने वाले करीब 12 लाख की आबादी करोड़ों रुपये का बिजली बिल का भुगतान प्रत्येक माह करते हैं। लेकिन बदले में 24-24 घंटे तक बिजली क्षेत्र में गुल रहती है। हल्की हवा चलने से भी बिजली गुल कर दी जाती है। कभी पानी दो-दो दिनों तक नहीं मिलता तो कभी बिजली की समस्या से सरायकेला वासी जूझ रहे हैं। जिले वासियों का आक्रोश अब बिजली विभाग व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ फूटने लगा है।

सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने उक्त बातें कहते हुए कहा है कि बिजली पानी की समस्या से लोग वर्षों से जूझते आ रहे हैं। बिजली विभाग के द्वारा कहां-कहां मेंटेनेंस का काम हुआ और पिछले पांच सालों में बिजली विभाग की घीसी पिटी वर्षों पुरानी जर्जर व्यवस्था को बदलने के लिए कौन से बड़े उल्लेखनीय काम हुए बिजली विभाग इसे सार्वजनिक करें। नियमित मेंटेनेंस के नाम पर आवंटित राशि केवल सरकारी कागजातों में खत्म कर बंदर बाट कर ली जाती है। अन्यथा समस्या इतनी विकराल नहीं होती। पिछले 5 सालों में मुफ्त बिजली के नाम पर जनता के ऊपर कहर बरपाया गया एवं उन्हें भारी भरकम बिल दिया गया। लोगों पर मुकदमा हुआ और नोटिस दिया गया।

भय से लोगों ने बर्तन, घर व जमीन गिरवी रखकर बिजली बिल का भुगतान किया। करोड़ों की लागत से भाजपा सरकार द्वारा सरायकेला नगर को तीन क्षेत्रों (चाईबासा, राज खरसावां और उलीझारी) की पावर ग्रिड से विद्युत आपूर्ति की योजना बनाई थी किन कारणों से केवल उलीझारी पावर ग्रिड पर बिजली विभाग आश्रित है। मनोज कुमार चौधरी ने कहा है कि सरकार, जिला प्रशासन व बिजली विभाग से अनुरोध है कि मानसून आने वाला है। उससे पहले निर्बाध बिजली आपूर्ति हेतु सर्विस लाइन और मेन लाइन के बगल में मेंटेनेंस का काम करते हुए पेड़ और पेड़ की टहनियों की कटाई अविलंब कराई जाए एवं वैकल्पिक उपयोग के लिए तीनों (चाईबासा, राज खरसावां और उलीझारी) लाइनों को दुरुस्त किया जाए। वर्ना 4 जून तक आदर्श आचार संहिता है और बिजली पानी की यदि यही व्यवस्था बनी रही तो 4 जून के बाद जोरदार आंदोलन होगा।

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